रायगढ़। सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिला के कोसीर उपतहसील के नजदीक गांव में एक बेहद ही सामान्य परिवार में रहने वाले जितेंद्र लहरे का जन्म सन 1987 में ग्राम पंचायत मल्दा (अ) में हुआ था जिनके परिवार में पत्नी और दो बेटी है वही उनके माता पिता बड़ा भाई और बहने है वही बात करें इनके जीवन काल की तो जिंतेंद्र लहरे गांव में काफी सरल स्वभाव के एक जिन्दादिल इंसान थे हर वर्ग के लोगो से उसका काफी अच्छा संबंध था वही बात करें इनकी शिक्षा की तो वह शिक्षा के क्षेत्र में काफी अग्रणी भूमिका निभा रहे थे और गांव के काफी बच्चों को एक प्राइवेट शिक्षक के रूप में शिक्षा दिए तब सन 2016 में वह सैनिक विभाग में प्रदेश व देश की सेवा करने के लिए सीएएफ में अपना भूमिका निभाने के लिए मेहनत किये तब सन 2016 में उनका चयन सीएएफ में सैनिक के पद पर हुआ और उन्होंने एसटीएफ में भी सेवा दिए तभी वर्तमान में कांकेर जिले में ड्यूटी के दौरान 11 दिसम्बर को रात्रि करीब 8 से 8.30 बजे के बीच मे उनके सीने में अचानक दर्द होने लगा और वह जमीन पर गिर गया तब आनन फानन में उनके सहयोगी सैनिकों ने उनको तुरंत पास के हॉस्पिटल में इलाज के लिए लेकर गए जहाँ उनको डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। महज 36 वर्ष के उम्र में उन्होंने पूरा अपना हँसता खेलता परिवार को छोडक़र चला गया ततपश्चात उनके पार्थिव शरीर को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया जहाँ से उनके गृह ग्राम मल्दा (अ) के लिए भेजा गया जहाँ गांव में उनके एक झलक पाने के लिए पूरा गांव उनके गृह निवास के पास भीड़ लग गई वही बात करें उनके परिवार की तो उनकी पत्नी की रो रो कर बुरा हाल हो गया है और उनके पिता का एक सहारा छीन जाने से उसके पिता जी को भी काफी गहरा सदमा लगा वही उसके बड़े एवं पूरा परिवार रो रो बुरा हाल हो गए हैं। गांव में पूरी तरह से शोक की लहर दौड़ गई है और उनके चाहने वालों में काफी गहरा दु:ख देखी गई बात करें जितेंद्र लहरे के अंतिम संस्कार की तो जितेंद्र लहरे अमर रहे के नारों के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया और उनके शहादत को सलाम करते हुए अंतिम विदाई दी गई।
सीएएफ जवान का ड्यूटी के दौरान आकस्मिक निधन
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lochan Gupta
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