रायपुर। प्रदेश में कर्मचारियों के डीए (महंगाई भत्ते) में 4 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी गई है। इसकी बढ़ोतरी को लेकर निर्वाचन आयोग ने बुधवार को स्वीकृति जारी कर दी है। इस अनुमति के बाद प्रदेश के करीब 5 लाख अधिकारियों और कर्मचारियों व पेंशनधारियों को इसका फायदा मिलेगा।
दरअसल, प्रदेश में कई कर्मचारी संगठन लगातार डीए में बढ़ोतरी की मांग कर रहे थे। उनका कहना था कि केंद्र के बराबर उन्हें महंगाई भत्ता मिलना चाहिए। अभी केंद्रीय कर्मचारियों को 46 प्रतिशत डीए मिल रहा है, जबकि राज्य कर्मचारियों का 42 फीसदी ही है।
कर्मचारी संगठनों में खुशी
छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के कार्यालय मंत्री पंकज पांडेय ने कहा 4 प्रतिशत डीए बढऩे से कर्मचारी और अधिकारी वर्ग खुश है। इससे पहले राजस्थान और अन्य राज्य के कर्मचारियों डीए बढ़ गया था, लेकिन छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों नही बढ़ा जिससे कर्मचारियों में मायूसी थी। आचार संहिता के कारण निर्वाचन आयोग से कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने अनुमति की मांगी थी। कर्मचारियों को जो आशा थी कि दीपावली में हमें डीए मिल जाएगा, लेकिन नहीं मिला। भारत निर्वाचन आयोग ने अनुमति दे दी है। कर्मचारियों में खुशी की भावना है इसके लिए हम धन्यवाद प्रेषित करते हैं।
पूर्व सीएम रमन सिंह ने जताया आभार
इसे लेकर छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने ‘ङ्ग’ पर अपने पुराने पोस्ट को शेयर करते हुए मुख्य निर्वाचन अधिकारी का धन्यवाद दिया है। उन्होंने लिखा कि माननीय छत्तीसगढ़ निर्वाचन अधिकारी आपका बहुत आभार और धन्यवाद। उन्होंने लिखा कि, आपने हमारे छत्तीसगढ़ के अधिकारियों व कर्मचारियों के हित को ध्यान में रखकर यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। महंगाई भत्ते में वृद्धि से अब प्रशासन की सेवा में समर्पित सभी कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलेगी, आप सभी को बहुत शुभकामनाएं। आपको बता दें कि अपने जिस पोस्ट को पूर्व सीएम ने कोट किया वह 2 नवंबर का है जिसमें उन्होंने इसकी मांग करते हुए लिखा था कि हमारे छत्तीसगढ़ के कर्मचारी सतत् प्रशासन की सेवा में समर्पित रहते हैं, उनकी निष्ठा को ध्यान में रखकर राज्य सरकार द्वारा 4 प्रतिशत डीए/डीआर प्रदान किया जाना चाहिए।
4 प्रतिशत डीए के अनुसार वित्तीय लाभ
श्रेणी – वेतनमान
प्रथम श्रेणी – 3800 से 5000
द्वितीय श्रेणी – 2500 से 3500
तृतीय श्रेणी – 1800 से 2200
चतुर्थ श्रेणी – 1000 से 1600
कुल शासकीय सेवक – 3.80 लाख