रायगढ़। रेलवे स्टेशन की साफ-सफाई की नया ठेका हो गया है। जिससे अब नए ठेकेदार अपने हिसाब से कर्मचारी रख रहा है, जिसको लेकर यहां लंबे समय से काम कर रहे कर्मचारियों में आक्रोश पनपने लगा है, ऐसे में 21 नवंबर से काम बंद कर हड़ताल पर जाने की चेतावनी दिया है।
उल्लेखनीय है कि रेलवे स्टेशन की साफ-सफाई का कार्य ठेका पद्धति से कराया जाता है। जिससे हर साल ठेका बदलते रहता है। ऐसे में इस बार नया ठेका दूसरे को मिला है जो कम रेट में ठेका को उठा लिया है। ऐसे में अब ठेकेदार की परेशानी के साथ-साथ स्टेशन की साफ-सफाई की व्यवस्था भी बदहाल होने की आशंका बन रही है। बताया जा रहा है कि इस बार ठेका संदीप कुमार राय को मिला है, जो 21 नवंबर से यहां काम शुरू करने वाला है। ऐसे में शनिवार को ठेकेदार द्वारा सफाई कर्मचारियों की बैठक ली गई थी, जिसमें ठेकेदार का कहना था कि उसने कम रेट में ठेका लिया है, जिससे कम खर्च में ही उसे काम कराना है, ऐसे में कर्मचारियों की छटनी के साथ-साथ वेतन भी कम देने की बात कर रहा है, जिसको लेकर कर्मचारियों में आक्रोश पनपने लगा है। वहीं नाराज कर्मचारियों ने आपस में फैसला किया है कि अगर छटनी के साथ-साथ उनका वेतन कम किया जाता है तो वे 21 नवंबर से स्टेशन की साफ-सफाई बंद कर देंगे, जिससेें कर्मचारियों के साथ-साथ यहां से यात्रा करने वाले यात्रियों की भी मुसीबत बढऩे वाली है। इसके साथ ही स्टेशन के वेटिंग रूम से केयर टेकर को हटाने की तैयारी चल रही है। ऐसे में अगर यहां केयर टेकर नहीं रहेंगे तो यहां रुकने वाले यात्रियों की सामानेां की चोरिया ं और बढ़ जाएगी, जिससे यात्रियों को और परेशान होना पड़ेगा।
तीन शिफ्ट में लगती है ड्यूटी
इस संबंध में सफाई कर्मचारियों ने बताया कि स्टेशन परिसर के साथ-साथ रेलवे लाईन व प्लेटफार्म की सफाई तीन शिफ्ट में होती है, जिसके लिए यहां 36 कर्मचारी विगत 10 साल से काम कर रहे हैं, लेकिन नया ठेकेदार द्वारा उतने ही काम के लिए 11 कर्मचारियों की छटनी कर 25 कर्मचारियों से ही काम कराना चाहता है। ऐसे में यहां विगत 10 सालों से काम कर रहे कर्मचारियों को अगर हटाया जाता है तो अब वह कहां जाएंगे, ऐसे में अब सफाई कर्मचारियों के सामने रोजी-रोटी को लेकर समस्या खड़ी होने लगी है।
वेतन में भी होगी कटौती
उल्लेखनीय है कि अभी तक रेलवे स्टेशन की साफ-सफाई 36 कर्मचारी कर रहे हैं। जिसको ठेकेदार द्वारा 12हजार 500 रुपए वेतन तय किया गया है, जिसमें से दो हजार रुपए ईपीएफ काटकर उनके हाथ में हर माह 10 हजार 500 रुपए मिलता है, जिससे किसी तरह अपनी परिवार का पालन पोषण करते हैं, लेकिन नया ठेका होने के बाद नया ठेकेदार संदीप कुमार राय द्वारा कर्मचारियों को यह बोला जा रहा है कि उनके 9 हजार 500 रुपए वेतन तय किया गया है, जिसमें दो हजार रुपए काट कर हर माह उनके द्वारा सात हजार 500 रुपए दिया जाएगा। ऐसे में अब कर्मचारियों के सामने यह समस्या खड़ी हो गई है कि इस महंगाई के दौर में साढ़े सात हजार में किस तरह से अपने परिवार का पालन पोषण करेंगे। इसी बात को लेकर अब सफाई कर्मी 21 नवंबर से हड़ताल पर जाने की तैयारी कर रहे हैं।