रायगढ़। जिला अस्पताल में लगे वाटर एटीएम मशीन महीनों से बंद पड़ा है, जिसके चलते अस्पताल आने वाले मरीज व उसके परिजनों को टंकी का पानी उपयोग करना पड़ रहा है। लेकिन इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा इसका मेंटेनेंस नहीं कराया जा रहा है। ऐसे में अगर इसी तरह कुछ दिन और बंद रहा कबाड़ में भी तब्दील हो सकता है।
उल्लेखनीय है कि जिला अस्पताल आने वाले मरीजों की परेशानी को देखते हुए पूर्व में यहां वाटर एटीमए मशीन लगाया गया था, जिसमें मरीज व परिजन एक रुपए का सिक्का डालकर दो लीटर शुद्ध जल लेकर प्यास बुझा रहे थे, लेकिन विगत दो साल पहले मेडिकल कालेज अस्पताल यहां से नए बिल्डिंग में शिफ्ट होने के बाद यहां की व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई। जिसके चलते अस्पताल परिसर में लगी वाटर एटीएम मशीन भी विगत दो सालों से बंद पड़ा हुआ है, लेकिन अभी तक इसके सुधार के लिए स्वास्थ्य विभाग की तरह से कोई कारगर पहल नहीं किया गया है। ऐसे में अस्पताल आने वाले मरीज व उसके परिजनों को टंकी के पानी को ही उपयोग करना पड़ता है, साथ ही कई परिजन मरीजों के लिए बाहर से बोतल बंद पानी महंगे रेट पर खरीद कर मरीज को पिलाते हैं, जिससे इनको आर्थिक परेशानी का भी सामना करना पड़ रहा है।
लंबे समय से नहीं हुआ मेंटेनेंस
गौरतलब हो कि करीब 7-8 साल पहले जिला अस्पताल आने वाले मरीज व परिजनों को शुद्ध जल उपलब्ध कराने के लिए वाटर एटीएम मशीन लगाया गया था, जो कुछ सालों तक तो मेडिकल कालेज के देख-रेख में चलता रहा, जिससे मरीजों को काफी राहत थी, लेकिन जब से अलग हुआ है, तब से वाटर एटीमए बंद पड़ा है। ऐसे में लंबे समय से मेंटेनेंस नहीं होने के कारण अब मशीन कबाड़ में तब्दील होने लगा है, जिससे परिजनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
क्या कहते हैं परिजन
इस संंबंध में अस्पताल आने वाले परिजनों का कहना था कि वाटर एटीएम बंद होने के कारण शुद्ध जल बाहर से खरीदना पड़ रहा है, जिससे आर्थिक परेशानी हो रही है, पूर्व में वाटर एटीएम चालू था तो एक रुपए में दो बोतल पानी उपलब्ध हो जाता था, जिससे काफी राहत थी, ऐसे में अगर फिर से यह मशीन चालू हो जाता तो मरीज व परिजन दोनों को इसका लाभ मिलता ।
फंड की आ रही समस्या
इस संबंध में अधिकारियों की मानें तो वाटर एटीएम मशीन लंबे समय से बंद होने के कारण उसमें काफी खराबी आ गई है। हालांकि कुछ माह पहले इसकी जांच कराई गई थी, जिसमें उक्त मशीन के कई पार्ट खराब हो चुके हैं, जिससे इसमें लाखों रुपए खर्च करना पड़ेगा। ऐसे में इसके लिए फंड नहीं हो पाने के कारण सुधार कार्य नहीं हो सका है। हालांकि पत्राचार भी किया गया है, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है, जिसके चलते मशीन बंद पड़ा हुआ है।
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वाटर एटीमए लंबे से बंद होने के कारण इसमें लंबा खर्च है। ऐसे में अब चुनाव के बाद इसके लिए पत्राचार किया जाएगा और फंड आने के बाद सुधार कार्य होगा।
डॉ. आर.एन. मंडावी, सीविल सर्जन, रायगढ़