रायगढ़। विधानसभा चुनाव के लिए टिकट वितरण के बाद प्रत्याशियों के नामांकन जमा करने के साथ जनसंपर्क का दौर शुरू हो गया है। जिला मुख्यालय की रायगढ़ सामान्य सीट पर कांग्रेस और भाजपा प्रत्याशी के बाहरी होने का एक सिगूफा भी खड़ा करने की कोशिश दोनों ही और से जोरों पर है। ऐसे में आने वाले दिनों में चुनाव प्रचार तेज होने के साथ आरोप प्रत्यारोप की झड़ी लगने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। चुनाव के शुरुआती दौर में भाजपा-कांग्रेस प्रत्याशियों को बाहरी बताने के पीछे जिस राजनीति षड्यंत्र को हवा देने की कोशिश हो रही है, इससे लगता है कि आम जनता से जुड़े मुद्दों को लेकर दोनों ही राजनीतिक दलों के समर्थक ध्यान भटकाने की कवायद में है। राजनीतिक के जानकारों की माने तो बाहरी-भीतरी के इस बेतुका सिगूफा की हवा निकलते ही चुनाव में असली मुद्दों पर चुनावी जंग हो सकता है। तब देखना बड़ा दिलचस्प होगा कि मुद्दों की लड़ाई में किसका पलड़ा भारी होगा, और जनता किस पर अपना विश्वास व्यक्त करेंगी।
रायगढ़ की सामान्य सीट पर कांग्रेस और भाजपा के अलावा अन्य सभी राजनीतिक दाल और निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव मैदान में जोर आजमाईश में जुड़ चुके हैं। सबके अपने-अपने दावे हैं, चुनावी प्रचार के शुरुआती दौर में जनता से जुड़े मेन मुद्दे फिलहाल गायब है। इन दिनों कांग्रेस और भाजपा के बीच एक दूसरे के प्रत्याशी को बाहरी बताने की और मची है। भाजपा प्रत्याशी ओपी चौधरी को जहां बाहरी प्रत्याशी बताने की कोशिश हो रही है। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी प्रकाश नायक को भी बाहरी होना बताया जा रहा है। राजनीति के जानकारों की माने तो यह चुनावी प्रचार के शुरुआती दौर में जनता को भडक़ाने की कोशिश मानी जा सकती है। बताया जाता है कि भाजपा प्रत्याशी ओपी चौधरी रायगढ़ जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर स्थित बायंग के निवासी हैं। बायंग गांव तो रायगढ़ शहर के कोतरारोड थाना अंतर्गत में ही आता है। इसके अलावा रायगढ़ से ओपी चौधरी को हमेशा ही जुड़ाव रहा। दूसरी तरफ कांग्रेस प्रत्याशी और रायगढ़ के मौजूदा विधायक प्रकाश नायक तो बीते करीब 10 वर्षों से रायगढ़ के गजानन पुरम में ही निवास कर रहे हैं, हालांकि उनका मूल निवास बरमकेला थाना क्षेत्र के नावापाली में है, लेकिन विरोधियों ने जिले से बाहर का होना बताने में बुरेज नहीं कर रहे हैं। उन्हें सारंगढ़-बिलाईगढ़ नवगठित जिले के निवासी बताकर चुनावी लाभ लेने की षडयंत्र कर रहे हैं। इस तरह दोनों ही राजनीतिक दलों के अलावा अन्य विरोधी दल कांग्रेस-भाजपा प्रत्याशी को बाहरी बताकर अपना हित साधने सिगूफा छोड़ रहे हैं। माना जा रहा है कि इस तरह के बेतुके बयानों की हवा निकालने में देर नहीं लगती। कुछ दिनों में असल मुद्दे सामने आएंगे तो इसकी हवा निकल जाएगी। फिलहाल असल मुद्दों से इतर ऐसी अफवाहों को जन्म देने की कोशिश हो रही है, जो दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दलों के लिए चिंताजनक है। बताया जाता है कि आम जनता से जुड़े मुद्दों को ही लेकर चुनाव में हार जीत का फैसला होता है, लेकिन शुरुआती दौर में इस सीट पर असल मुद्दे फिलहाल गायब दिख रहे हैं। राजनीति के जानकारों की माने तो रायगढ़ में जनता से जुड़े मुद्दों की कमी नहीं है, बेहतर विकास, रोजगार, औद्योगिक प्रदूषण, सडक़, बिजली, पानी की सुविधाओं का विस्तार खेल शिक्षा स्वास्थ्य जैसे कई मुद्दे हैं। जिसके लिए नए विजन के साथ रायगढ़ के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र का विकास हो सके। किसने की समस्या सिचाइ सुविधा का विस्तार रायगढ़ में व्यापार के विकास की नई संभावनाएं ऐसे कई मुद्दे हैं जिसे लेकर आम जनता इस उम्मीद पर है कि राजनीतिक दल अपना विजन रखेगें। रायगढ़ जिला मुख्यालय की इस सामान्य सीट पर इन मुद्दों को लेकर ही आम जनता फैसला लेगी, अब राजनीति दलों को तय करना होगा कि उनका विजन रायगढ़ क्षेत्र की जनता को कितना प्रभावित कर सकता है। आने वाले दिनों में इसी मुद्दे पर चुनावी जंग में घमासान होने की संभावना बन सकती है।