रायगढ़। रायगढ़ में पाकिस्तानी भाई-बहन पकड़े गए। उनके पास पासपोर्ट और लॉन्ग टर्म वीजा था, लेकिन उनके वोटर आईडी कार्ड फर्जी तरीके से बनाए गए थे। जिसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया, लेकिन मामले में पता चला है कि, वोटर आईडी कार्ड ऑनलाइन बनवाए थे। इसकी भी जांच की जा रही है।
शहर से करीब 10 किलोमीटर दूर स्थित कोड़ातराई गांव में सडक़ किनारे ही याकूब शेख का पक्का मकान है, लेकिन उसमें दरवाजे और खिड़कियां ठीक से नहीं लगी हैं। याकूब अपने बेटे इफ्तिखार शेख, बेटी अर्निश शेख, अपनी मां और परिवार के साथ रहता है। पुलिस ने याकूब के बड़े बेटे और बेटी को गिरफ्तार किया है। इसकी वजह यह बताई है कि उन्होंने बिना भारतीय नागरिकता के फर्जी तरीके से वोटर कार्ड बनवा लिया था। अब यह जांच का विषय है कि आखिर फर्जी वोटर कार्ड कैसे बन गया।
ऑनलाइन बनवाया वोटर कार्ड
इस मामले की पड़ताल की, तो पता चला कि आधार कार्ड के जरिए ऑनलाइन वोटर कार्ड बनवाया गया था। इस बार के ग्राम पंचायत चुनाव की वोटर लिस्ट में उनका नाम वार्ड नंबर 19 और 20 में था।
पिता ने नहीं की बात
इस मामले में याकूब शेख से मिलने हमारे संवाददाता उनके घर पहुंचे, लेकिन वे नहीं मिले। किसी तरह उनका मोबाइल नंबर मिला, तो उसमें कॉल किया गया। तब पता चला कि वे रायगढ़ में ही हैं। जिसके बाद जूटमिल थाने में मुलाकात हुई। इस संबंध में जब उनसे फर्जी मतदाता पत्र के बनाए जाने को लेकर सवाल पूछा तो याकूब का कहना था कि, वे काफी परेशान हैं। इस बारे में वे कोई भी बात नहीं करना चाहते हैं।
कब से जुड़े हैं नाम यह जांच का विषय
इस मामले में कोड़ातराई सरपंच मृत्युंजय सिंह ने बताया कि, मतदाता सूची बनाने का काम तहसीलदार के निर्देश पर बीएलओ करते हैं। उसके आधार पर उनके नाम कब जुड़े हैं, यह जांच का विषय है। उन्होंने बताया कि पहले लोकसभा का मतदाता सूची बना है, फिर विधानसभा का और बाद ग्राम पंचायत का। उनका नाम कब से जुड़ा है, कब से चलते आ रहा है। तीनों मतदाता सूची को देखने पर पता चल जाएगा। उनका नाम 19 और 20 नंबर वार्ड में जुड़ा है। इस बार के चुनाव में भी मतदाता सूची में 4 लोगों का नाम था।
जल्द जांच रिपोर्ट आ जाएगा
इस मामले में एसडीएम प्रवीण तिवारी ने बताया कि, यह मामला मेरे संज्ञान में आया है। ईआरओ नेट से उनके डिटेल को निकाला गया है। उनका मतदाता पत्र साल 2021-22 में ऑनलाइन तरीके से बनाया गया है।यह मतदाता पत्र आधार कार्ड के आधार बना है। उसमें पता स्थानीय दिख रहा था। जिसकी जांच की जाएगी। तहसीलदार को जांच के लिए निर्देश दिए गए हैं। जल्द ही रिपोर्ट आ जाएगा।
फर्जी दस्तावेज के जरिए ऑनलाईन बने पाकिस्तानी भाई-बहन का आईडी
गांव में मकान,लेकिन दरवाजे-खिड़कियां भी ठीक से नहीं लगे
