रायपुर। सोमवार को कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय जनसंपर्क दिवस के अवसर पर वर्तमान समय में जनसंपर्क की भूमिका पर व्याख्यान आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए सेवानिवृत्त आईएएस डॉ. सुशील त्रिवेदी ने कहा कि प्रदेश में नक्सल समस्या के समाधान में जनसंपर्क की अहम भूमिका है। उन्होंने कहा कि आज संचार माध्यमों में तेजी से बदलाव आए हैं। जनसंपर्क का वास्ता सीधा लोकतंत्र, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और व्यक्ति की आजादी से है। उन्होंने कहा जनसंपर्क पूर्णकालिक, नवाचार युक्त अध्ययन अध्यापन का विषय है। जनसंपर्क सुनियोजित और निरंतर प्रयास है। विद्यार्थियों को ध्यान देना होगा कि आने वाले समय में एआई बड़ी चुनौती है। इसलिए सतत अध्ययन करते रहें।
कुलपति एवं संभागायुक्त महादेव कावरे ने कहा कि आज के दौर में जनसंपर्क का दायरा बहुत बड़ा हो गया है। शासन की योजनाओं को जन-जन तक प्रभावी ढंग से पहुंचाने में जनसंपर्क की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी जनसंपर्क के विभिन्न आयामों को समझें और अपनी रचनात्मकता और संवाद क्षमता को लगातार निखारें, ताकि वे भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार रह सकें।
इस अवसर पर कुलसचिव सुनील कुमार शर्मा ने कहा कि बदलते दौर में एआई की भूमिका अहम है। अगर आपको अपनी उपयोगिता बनाए रखनी है तो अपडेटेड रहना होगा, नहीं तो आउटडेटेड हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि आज मीडिया में ब्रेकिंग न्यूज का दौर है। सूचना संचार की भागदौड़ में फेक न्यूज बड़ी समस्या है। ऐसे में सोर्स से खबर की पुष्टि करना जरूरी है। इससे विश्वसनीयता बनी रहती है।
कार्यक्रम के संयोजक और विज्ञापन और जनसंपर्क विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. आशुतोष मंडावी ने कहा कि जनसंपर्क केवल सूचना साझा करने का माध्यम नहीं, बल्कि एक प्रभावशाली संवाद कौशल है, जो समाज, शासन और आम जनता के बीच सेतु का काम करता है। विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर शैलेन्द्र खंडेलवाल ने आभार प्रदर्शन किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय अध्ययन शाला के प्राध्यापक पंकज नयन पांडेय, डॉ. नृपेंद्र कुमार शर्मा, डॉ. राजेंद्र मोहंती, उपकुलसचिव सौरभ शर्मा समेत शिक्षक, अधिकारी कर्मचारी और विद्यार्थी उपस्थित रहे।
पत्रकारिता विश्वविद्यालय में जनसंपर्क दिवस पर हुआ व्याख्यान
नक्सल समस्या के समाधान में जनसंपर्क की अहम भूमिका : डॉ. सुशील त्रिवेदी
