रायगढ़। बैंक में नौकरी दिलाने के नाम पर 44 लाख रुपए की ठगी का मामला सामने आया है। एक एनजीओ संचालक ने 11 युवाओं से लाखों रुपए लेकर धोखाधड़ी की। यह घटना चक्रधर नगर थाना क्षेत्र की है। मिली जानकारी के अनुसार, ग्राम जुर्डा का रहने वाला उत्तम कुमार प्रधान (37 वर्ष) ने चक्रधर नगर थाना में शिकायत दर्ज कराई है। उत्तम ने बताया कि कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह सरकारी नौकरी की तलाश में था। इसी दौरान उसकी मुलाकात डुमरपाली निवासी रंजीत कुमार चौहान से हुई। रंजीत ‘असीम कृपा फाउंडेशन’ नामक एनजीओ का संचालक है। रंजीत ने दावा किया कि सरकारी संस्थानों में उसकी ऊंची पहुंच है और वह मंत्रालय से सेटिंग कर सरकारी बैंक में नौकरी लगवा सकता है। साल 2022 में रंजीत ने उत्तम को बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक में कार्यालय सहायक के कई पद खाली हैं। उसने 10 लाख रुपए देने पर सरकारी नौकरी पक्की होने का झांसा दिया। नौकरी की उम्मीद होने से उत्तम ने अपने कई परिचितों को इस बारे में बताया। तब नौकरी के लिए उसके परिचित खोरसिया निवासी छत्रपाल पटेल, बापूनगर निवासी कर्णकार कुमार, जगतपुर निवासी बसंत सारथी, कैदीमुड़ा निवासी राजू कश्यप, जुर्डा निवासी बलराम बेहरा, भगवानपुर निवासी सागरिका त्रिपाठी, विश्वनाथपाली निवासी तरूण कुमार गुप्ता, रामभांठा निवासी प्रवीण केसरवानी, भीखमपुरा गजानन पटेल, ढिमरापुर निवासी पूजा यादव ने भी रंजीत से मुलाकात की और नौकरी के बदले रुपए देने को तैयार हो गए।
सभी की रकम एक ही खाते से ट्रांसफर कराई
रंजीत ने कहा कि अलग-अलग भुगतान करने से हिसाब रखना मुश्किल होगा, इसलिए उसने सभी से एक ही खाते से ट्रांजेक्शन करने को कहा। इसके बाद 10 लोगों ने अपने पैसे यूपीआई और बैंक ट्रांसफर के जरिए उत्तम कुमार के खाते में भेज दिए। इसके बाद 22 अप्रैल 2022 से 26 जुलाई 2023 के बीच उत्तम के खाते से 44.20 लाख रुपए रंजीत चौहान के खाते में ट्रांसफर कर दिए गए।
आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया
इससे उत्तम और नौकरी की आस लगाए सभी लोग समझ गए कि वे ठगी का शिकार हो गए हैं। जिसके बाद उत्तम और अन्य पीडि़तों ने चक्रधर नगर थाना में शिकायत दर्ज कराई। जहां पुलिस ने आरोपी के खिलाफ अपराध कायम कर मामले को विवेचना में लिया है।
मामले में जांच की जा रही
चक्रधर नगर थाना प्रभारी प्रशांत राव आहेर ने बताया कि रंजीत चौहान के खिलाफ 44.20 लाख रुपए की धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। बहरहाल पीडि़त ने कल चक्रधर नगर थाना पहुंचकर उक्त मामले की रिपोर्ट लिखाई है जिसके बाद पुलिस ने इस मामले में रंजीत चौहान के खिलाफ धारा 420 के तहत अपराध दर्ज कर मामले को जांच में ले लिया है।
रुपए मांगने पर बहाने बनाने लगा
साल 2023 में कुछ लोगों को छत्तीसगढ़ ग्रामीण बैंक के असिस्टेंट जनरल मैनेजर के नाम से एक पत्र मिला, जिसमें 22 अगस्त 2023 को रायपुर स्थित बैंक मुख्यालय में रिपोर्ट करने के लिए कहा गया था। जब उत्तम, बसंत और करण रायपुर पहुंचे, तो उन्हें पता चला कि बैंक की ओर से ऐसा कोई पत्र जारी ही नहीं किया गया था। जब उत्तम ने रंजीत से संपर्क किया, तो वह रुपए लौटाने के बजाय बहाने बनाने लगा।
फर्जी ट्रेनिंग कराई, ज्वाइनिंग का झूठा वादा
पैसे लेने के बाद रंजीत ने 25 जून 2022 को उत्तम को एक फर्जी नियुक्ति पत्र दिया और बताया कि नवंबर में ज्वाइनिंग होगी। इसके साथ ही, उसने उत्तम को लोईंग बैंक में फर्जी ट्रेनिंग कराई और उसे वहां के मैनेजर से मिलवाया। इसी तरह, बाकी लोगों को भी अलग-अलग ग्रामीण बैंकों में काम देखने और सीखने के नाम पर फर्जी ट्रेनिंग दी गई।
बैंक में नौकरी लगाने के नाम पर11 लोगों से 44 लाख 20 हजार की ठगी
एनजीओ संचालक के खिलाफ थाने में हुआ एफआईआर, फर्जी नियुक्ति पत्र और ट्रेनिंग भी दिलाई थी
