पखांजुर। महिला संगठन- ए आई एम एस एस एवं संघर्षशील आं. का. स. यूनियन ने पखांजुर पीव्ही 116 प्रतिमापल्ली में महिला दिवस में खेल व सांस्कृतिक कार्यक्रम किया। मुख्य अतिथि, श्रीमती लक्ष्मी बाला, विशेष अतिथि श्रीमती सरस्वती बाला, मनिषा जयसवाल, श्रीमती उमा चक्रवर्ती, श्रीमती मिनु कर्मकार, शंर्घषशील आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका युनियान प्रदेश अध्यक्ष कल्पना चंद, महिला सांस्कृतिक संगठन अध्यक्ष श्रीमती तुलसी दास प्रतिमा पल्ली की महिलाओं की उपस्थिति में कार्यक्रम आयोजित किया गया है, सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुत किया नृत्य में कुमारी सुप्रिया हालदार, संगीत कल्पना चंद, रत्ना शील, कविता लक्ष्मी बाला, सरस्वती, मनिषा आदि। खेल कूद प्रतियोगिता में बड़चढ़ कर प्रतिभागियों ने भाग लिए हैं।कुर्सी दौर प्रथम ममता अधिकारी द्वितीय बंदना ,बिन्दिया चस्पा में प्रथम मंजु मालाकार द्वितीय पिंकी कर्मकार,निशाने पर गेंद डालने में प्रथम रमा कर्मकार,द्वितीय प्रीया विश्वास,रब्बर हाथो में पहनने में सोनम कर्मकार, द्वितीय हीना विश्वास,स्थान प्राप्त किया विजेता उप विजेताओं के साथ सभी प्रतिभागियों को पुरुस्कार दिया गया।कार्यक्रम में अभिवादन देते हुए वक्ताओं ने कहां है की 80 साल के बृद्धा से लेकर 3 वर्ष की बच्ची बलात्कार, हत्या शोषण से अछूते नहीं है।बेरोकटोक नशीली बस्तुए प्रसार-प्रचार और बिक्री छोटे उम्र के बच्चे से अन्य की शारीरिक, मानसिक रूप से हमे पंगु बनाए जा रहा है। जिसे नवीन पिडि़ अपने भविष्य को सुरक्षित नहीं रख पा रहे है। इन्टरनेट, इलाकट्रानिक संचार में अशलीलता परोसा जा रहा है। जिस कारण महिलाओं को इन्सानियत कि नजर से देखने के बदले भोग्या वस्तु की नजर नेमहिलाओं के उपर बहुत अधिक अत्याचार एव अपराध बड़ रहे है। वास्तविक सामाजिक स्थितियों ध्यान आकर्षण की। ऑल इंडिया महिला सांस्कृतिक संगठन की सचिव ज्योसना अधिकारी और शंर्घषशील आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका यूनियन की प्रांताध्यक्ष कल्पना चंद ने 8 मार्च महिला दिवस उत्सव की तरह मनाते हुए सरकार से महिला के लिए मांग की महिलाओं पर बढ़ते अपराध पर रोक लगाओं बलात्कार हत्या के अपराधीयों को फांसी दो। आरजीकर महिला चिकित्सक के अपराधों में लिप्तो का सर्वजनिक करों अपराधियों को कड़ी से कड़ी उदाहरण मुलक सजा दो। महिलाओं को मुफ्त शिक्षा, मुफ्त चिकित्सा, मुफ्त बस/रेल यात्रा दो और महिलाओं को हर स्तर पर मजबूत सुरक्षा कि गारंटी करों। समस्त शिक्षित-अशिक्षित महिलाओं बेरोजगारों को रोजगार दो। उम्र 60वर्ष से उपर समस्त महिलाओं को 10,000/-रुपये पेंशन दो। आदि मांगे पुरी करने महिला सांस्कृतिक संगठन की आन्दोलन सफल करने अधिक से अधिक संख्या में कार्यक्रम में शामिल हो। देश के समस्त योजनाओं के कर्मी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायीका (आशा) मितानिन, रसोईया, साफाई कर्मी आदि को कर्मचारीओं को नियमित करों जबतक नियमितीकरण न कीजाए तबतक जीवन जीने लायक वेतन दियाजाए। महिला संस्कृति संगठन की सदस्य लिपिक मिस्त्री, लतिका विश्वास, बिंदु बड़ाई, सुमा कर्मकार, पुष्पा ज्वेलरी रतन सेल बंदना महंत पुतुल मंडल, सरस्वती कर्मकार, रीता समद्दार आदि ने कार्यक्रम सफल करने महत्वपूर्ण योगदान दिया।
महिला दिवस पर खेल व सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन

By
lochan Gupta
