रायगढ़। मेडिकल कालेज एवं हास्पिटल में प्लेसमेंट के तहत काम करने वाले सफाई कर्मचारी व सुरक्षाकर्मियों की संख्या में गड़बड़ी पाए जाने पर प्रबंधन द्वारा छटनी करते हुए नए सिरे से जैम में टेंडर निकाला गया है, जिसको लेकर वहां काम करने वाले कर्मचारियों में आक्रोश पनपने लगा है।
उल्लेखनीय है कि रायगढ़ मेडिकल कालेज व मेडिकल हास्पिटल मेें सफाई एवं सुरक्षाकर्मियों के लिए नियुक्त प्लेसमेंट एजेंसी संचालक द्वारा जितने कर्मचारी काम पर होना बताया जा रहा था, उतने कर्मचारी कार्यरत ही नहीं थे। इस बात की लंबे समय से प्रबंधन को शिकायत मिल रही थी, जिसको लेकर विगत दिनों जांच की गई तो सही पाया गया, जिसके बाद प्रबंधन द्वारा संबंधित एजेंसी को पत्र जारी कर आवश्यकता अनुसार ही कर्मचारी रखने कहा गया है। इसके साथ ही मेडिकल कालेज प्रबंधन ने नये सिरे से टेण्डर भी जारी किया है। दूसरी ओर आवश्यक्ता से अधिक सुरक्षा कर्मी होने के कारण उनकी भी छंटनी की जा रही है। प्लेसमेंट एजेंंसी बदलने व सविंदा कर्मचारियों की छंटनी को लेकर कर्मचारियों में प्रबंधन के प्रति काफी आक्रोश है। ऐसे में कर्मचारियों ने शुक्रवार को प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए धरना-प्रदर्शन कर अपना विरोध जताया। संविदा कर्मचारियों का कहना था कि उनकी पोस्टींंग वर्ष 2017 से है और वे अस्पताल में सफाई कर्मचारी के रूप में काम कर रहे हैं, लेकिन अचानक प्रबंधन छंटनी कर रहा है। छंटनी के बाद उन्हे प्लेसमेंट एजेंसी के तहत काम करने को कहा जा रहा है परंतु इससे उनका वेतन तीन से चार हजार रूपए कम हो जायेगा, जिसको लेकर नाराजगी है।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार सफाई व सुरक्षा के लिए आऊटसोर्सिंग से कर्मचारी रखे गये हैं लेकिन आवश्यकतानुसार जितने लोग रखने को कहा गया था उतने काम नहीं कर रहे थे। इसकी शिकायत मिलने पर वेरिफिकेशन कराया तो कॉलेज की तरफ से 60 लोग होने चाहिए थे लेकिन मात्र 18 लोग ही उपस्थित हुए। सफाई के लिए जिन्हे रखा गया था वे भी कम पाए गए, ऐसे में करीब 70 प्रतिशत कर्मचारी ही उपलब्ध मिलेे। साथ ही मेडिकल अस्पताल में भी यही स्थिति रही, वहीं ऐसे में अस्पताल प्रबंधन द्वारा जब जांच की गई तो 160 में से केवल 73 लोगों की बायोमेट्रिक्स में हाजरी मिली और उनमें भी कई लोग स्थल पर अनुपस्थित मिले। सुरक्षाकर्मियों मेंं 110 की जगह केवल 18 लोग ही मिले, लेकिन पूर्व में हाजरी सभी की भेजी जा रही थी और वेतन भी सभी का ले रहे थे, बावजूद इसके वेतन का भुगतान कर्मचारियों को सही रूप से नहीं हो रहा था। इस बात की भी शिकायत मिली थी कि नवंबर से वेतन नहीं मिला है जबकि एजेंसी को दिसंबर तक का भुगतान कर दिया गया है।
कर्मचारियों से ले रहे थे ज्यादा काम
उल्लेखनीय है कि मेडिकल कालेज और मेडिकल अस्पताल में एजेंसी द्वारा यह अनुबंध हुआ था कि जो भी कर्मचारी काम करेेगे उनका आठ घंटे का कार्य होगा, साथ ही उनको कलेक्टर दर पर वेतन दिया जाएगा, लेकिन एजेंसी द्वारा कर्मचारियों से 12 घंटा काम लिया जाता है और कलेक्टर दर से कम वेतन वह भी लेट-लतीफी दिया जा रहा था, जिसको लेकर प्रबंधन एजेंसी को पक्ष रखने कहा गया, लेकिन जब जवाब नहीं मिला तो अब नया टेंडर जारी किया गया है।
क्या कहता है प्रबंधन
इस संबंध मेें अस्पताल का पीआरओ का कहना है कि जांच में अनियमितता पाए जाने पर एजेंसी संचालक को अपना पक्ष रखने कहा गया था। साथ ही नया टेण्डर भी जारी किया गया है। पूर्व में प्लेसमेंट एजेंसी नहीं होने के कारण कुछ कर्मचारियों को संविदा में सफाई के काम में रखा गया था लेकिन एजेंसी के माध्यम से काम शुरू होने पर उन्हे अन्य विभागों में ट्रांसफर कर दिया गया था। चूंकि अब प्लेसमेंट से सफाई कर्मचारी है तो संविदा में भी कर्मचारी रखने से दुगुने कर्मचारी हो जायेंगे।
मेकाहारा में संख्या अधिक बताकर कम से करा रहे थे काम
गड़बड़ी उजाकर होने पर शुरू हुई कार्रवाई, कर्मचारियों की छटनी होने से पनपने लगा आक्रोश
