जशपुर। डेढ़ करोड़ रुपए की अवैध अंग्रेजी शराब को जशपुर पुलिस ने पकड़ी है। शराब को ट्रक में सीमेंट की बोरियों के नीचे छिपाकर रखा गया था। जिससे ट्रक से 790 पेटियों में कुल 22 हजार 536 बोतल बरामद की गई है। यह शराब पंजाब से झारखंड और बिहार भेजी जा रही थी।
उल्लेखनीय है कि जशपुर पुलिस ने दुलदुला थाना क्षेत्र के लोरो घाट के पास शराब तस्करी पर कार्रवाई की है। जिसमें एक ट्रक चालक को भी गिरफ्तार किया गया है। दरअसल, जशपुर पुलिस को सूचना मिली थी कि पंजाब से एक अशोका निलेंट की 12 चक्का ट्रक (क्रमांक पीबी11सीपी-2003) में अवैध अंग्रेजी शराब लोड कर झारखंड और बिहार की ओर भेजा जा रहा है। सूचना मिलते ही पुलिस टीम ने ट्रक को ट्रैक करना शुरू किया। लोरो घाट के पास, सरदार ढाबा के नजदीक पुलिस ने घेराबंदी की और ट्रक को रोका। तलाशी के दौरान ट्रक में 100 से अधिक सीमेंट की बोरियां पाई गईं। इन बोरियों को जब हटाया गया तो नीचे ढेर सारी पेटियां रखी हुई थी।
7 हजार लीटर से ज्यादा शराब मिली
पुलिस ने जब पेटियों को खोलकर देखा तो उसमें शराब की बोतलें थी। बोरियों को हटाने पर भारी मात्रा में अवैध अंग्रेजी शराब बरामद हुई। 790 पेटियों में जब्त शराब की कुल मात्रा 7015 लीटर है। इसकी अनुमानित कीमत लगभग डेढ़ करोड़ रुपए बताई जा रही है। पुलिस ने शराब के साथ ट्रक भी जब्त कर लिया है।
ट्रक ड्राइवर गिरफ्तार
पुलिस ने ट्रक ड्राइवर श्रवण सिंह (43 वर्ष) को भी गिरफ्तार किया है। ट्रक ड्राइवर पंजाब के जिला सरनताल के चंबा थाना श्रेहाली का रहने वाला है। पूछताछ में चालक ने बताया कि वह ट्रक को पंजाब के जालंधर से हजारीबाग, झारखंड ले जा रहा था। उसने पुलिस को यह भी बताया कि उसे सिर्फ लोडेड ट्रक सौंपा जाता था, और हजारीबाग पहुंचने पर तस्करों की दूसरी टीम ट्रक से शराब उतारकर उसे नकद राशि देकर वापस भेज देती थी। ड्राइवर को न तो शराब लोडिंग और न ही अनलोडिंग जगह की जानकारी है।
जांच से बचते हुए गुजरने का था प्लान
पुलिस ने जांच में पाया कि तस्करों ने शराब को ट्रक में छिपाने के लिए सीमेंट की बोरियों का इस्तेमाल किया था, ताकि यह पुलिस की नजर से बच सके। इसके अलावा, तस्करों ने ऐसे मार्गों का चयन किया, जहां टोल नाके कम हों और चेकिंग की संभावना भी कम हो। उन्होंने गांव की पक्की सडक़ों का उपयोग किया, ताकि पुलिस जांच से बचा जा सके। चालक ने यह भी बताया कि तस्कर शराब की बोतलों के होलोग्राम और बैच नंबर पहले ही हटा देते थे, ताकि इनकी ट्रैकिंग न हो सके। ड्राइवर ने बताया कि वह 13 फरवरी को जालंधर से रवाना हुआ था और अब तक 1571 किमी की यात्रा पूरी कर चुका था। वहीं बताया जा रहा है कि तस्करों ने माल लोड करते समय ही शराब की बोतल के होलोग्राम व बैच नंबर को मिटा दिया जाता था, ताकि यह पता न चल सके कि उक्त शराब कहां कि है। वहीं शराब लोड वाहन को ग्रामीण क्षेत्र की सडक़ों से निकालते थे ताकि जांच का खतरा कम हो।
शराब तस्करी में अंतरराज्यीय गिरोह के लिप्त होने की आशंका
एसएसपी शशि मोहन सिंह ने बताया कि यह एक संगठित अंतरराज्यीय गिरोह है जो शराब तस्करी में लिप्त है। पुलिस अब ड्राइवर के मोबाइल की जांच कर रही है, जिससे गिरोह के अन्य सदस्यों का पता लगाया जा सके। साइबर सेल की मदद से पुलिस ‘एंड टू एंड’ जांच कर रही है और जल्द ही इस गिरोह का पर्दाफाश किया जाएगा।