जगदलपुर। सुकमा जिले के पूवर्ती गांव में आजादी के बाद पहली बार मतदान हुआ है। नक्सली कमांडर हिड़मा के गृहग्राम पूवर्ती में बेखौफ होकर मतदाताओं ने न केवल वोट डाला, बल्कि उंगलियों में अमिट स्याही भी लगाई है। सालभर पहले यहां सुरक्षाबलों का कैंप स्थापित किया गया है। जिसके बाद से गांव की तस्वीर बदली है। दरअसल, पूवर्ती गांव चिमलीपेंटा का आश्रित गांव है। यहां करीब 80 से 90 वोटर्स हैं। सालभर पहले तक यह गांव नक्सलियों के कब्जे में था। लेकिन अब सुरक्षाबलों ने इस गांव में डेरा जमा लिया है। फोर्स का कैंप खुलते ही गांव के ग्रामीणों का आधार कार्ड बना, वोटर आईडी कार्ड बनवाया गया। जिसके बाद पहली बार यहां के वोटर्स सरपंच चुनने मतदान कर रहे हैं। इस गांव में सुरक्षा के घेरे में मतदान करवाया जा रहा है। इलाका नक्सलियों के सबसे खतरनाक पीएलजीए बटालियन नंबर 1 का क्षेत्र है। इसलिए यहां सैकड़ों जवानों को तैनात किया गया है। गांव वालों ने कहा कि पहली बार मतदान कर रहे हैं। मतदान कर खुशी हो रही है। पूवर्ती गांव में लोकतंत्र का पर्व मनाया गया। वहीं विकास से कोसों दूर इस गांव तक पहुंचने के लिए सडक़ का भी निर्माण होगा। यहां सडक़ बनाने क्चक्रह्र को जिम्मेदारी दी गई है। सुरक्षा व्यवस्था के बीच इस इलाके में सडक़ बनेगी। कुछ महीने पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पूवर्ती के पास के ही गुंडम गांव पहुंचे थे। यहां उन्होंने करीब 3 घंटे बिताए। वे देश के पहले गृहमंत्री हैं, जो इस इलाके में पहुंचे थे। अमित शाह ने गांव में पेड़ के नीचे चौपाल लगाई थी। गांव वालों से सीधे मुखातिब हुए थे। उन्होंने दावा किया है कि मार्च साल 2026 तक बस्तर को माओवादियों के चंगुल से आजाद कर दिया जाएगा।
दंतेवाड़ा जिले के खूंटेपाल मतदान केंद्र 15 में वोटिंग चल रही थी। नक्सल इलाका होने के बावजूद भी ग्रामीणों में भारी उत्साह देखा जा रहा था। इस बीच बीजेपी जिला पंचायत सदस्य प्रत्याशी नंदलाल मुड़ामी ने इस बूथ के पोलिंग दल पर गड़बड़ी के आरोप लगा दिए। नंदलाल का कहना था कि कांग्रेस के एजेंट को बूथ के अंदर बैठने दिया गया था, जबकि बीजेपी के एजेंट को बूथ के बाहर निकाल दिया गया। बूथ के अंदर भारी गड़बड़ी का दावा करते हुए उन्होंने कलेक्टर और जिला निर्वाचन अधिकारी से इसकी शिकायत कर दी। यहां काफी बवाल भी हुआ था। कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी ने तुरंत एक्शन लेते हुए इस बूथ में तैनात पूरे दल को ही हटा दिया था। बूथ में रिपोलिंग पार्टी को भेजा गया। इसके बाद यहां फिर से शांतिपूर्वक मतदान शुरू हो सका।
नक्सली हिड़मा के गांव में पहली बार हुआ वोटिंग
वोटरों ने बेखौफ उंगली पर लगाई स्याही, दंतेवाड़ा में विवाद के बाद बदली गई पोलिंग पार्टी
