खरसिया। ग्राम हालाहुली में राठौर परिवार के द्वारा आयोजित सप्त दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन श्रद्धा और भक्ति के साथ किया जा रहा है। कथा वाचन कर रहे प्रख्यात कथावाचक पंडित दीपककृष्ण महाराज ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं और उनके बाल चरित्र का जीवंत वर्णन कर श्रोताओं को भाव-विभोर कर दिया। कथा के दौरान भगवान श्रीकृष्ण के मथुरा गमन और उद्धव-गोपी संवाद का मार्मिक वर्णन किया गया। कथावाचक ने बताया कि किस प्रकार गोपियों के अनन्य प्रेम ने उद्धव जैसे ज्ञानी को भी राधा को गुरु मानने पर विवश कर दिया। उन्होंने ब्रज की रज को अपने मस्तक पर लगाकर प्रेम की महिमा को स्वीकार किया। कार्यक्रम के प्रमुख आकर्षण में श्रीकृष्ण और रुक्मणी विवाह का प्रसंग रहा। कुंडलपुर नरेश भीष्मक की पुत्री रुक्मणी द्वारा श्रीकृष्ण को अपने मनोवांछित पति के रूप में स्वीकार करने की कथा ने श्रद्धालुओं के हृदय को छू लिया।
विवाह के दौरान आलोकित सजीव झांकी सजाई गई, जो भक्तों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र रही। श्रद्धालुओं ने विवाह की रस्मों को उत्साह के साथ निभाया। पंडितों के वैदिक मंत्रोच्चार और मंगल गीतों की गूंज से पूरा माहौल भक्तिमय हो गया। महिलाओं ने मंगलाचरण के गीत गाए और श्रद्धालुओं ने कन्यादान में बढ़चढक़र भाग लिया। श्रद्धालुओं ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण जीवन में पुण्य अर्जित करने का मार्ग है। कथा के हर प्रसंग ने सभी को भगवान के दिव्य चरित्र और उनके प्रेम के महत्व को समझने का अवसर प्रदान किया।