रायगढ़। विश्व हिंदी अधिष्ठान रायगढ़ के संस्थापक-संयोजक,पूर्व प्रोफेसर डॉ .मीनकेतन प्रधान ने विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर सिंगापुर में प्रवासी रचनाकारों द्वारा आयोजित साहित्यिक कार्यक्रम को हिंदी भाषा-साहित्य, संस्कृति के वैश्वक विकास में महत्त्वपूर्ण माना है। विश्व साहित्य सेवा संस्थान के संरक्षक -संस्थापक देवेंद्र तोमर के मार्गदर्शन एवं अनुसूया साहू की अध्यक्षता में संपन्न इस आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में भारत से पहुँचे साहित्यकार विमलेश कांति वर्मा ने अपने उद्बोधन में हिन्दी भाषा, साहित्य, संस्कृति के समग्र उन्नयन का आह्वान किया तथा आयोजन की सराहना करते हुए हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार सहित नयी पीढ़ी को भारतीय महानतम आदर्श परंपराओं से जुड़े रहने की प्रेरणा दी।इस अवसर पर उनकी सुपुत्री श्रीमती सुनंदा की गरिमामयी सहभागिता रही। कार्यक्रम का आरंभ मुख्य अतिथि द्वार दीप प्रज्ज्वलन तथा प्रवासी सिंगापुरियन बच्चों द्वारा प्रस्तुत गणेश वंदना तथा वैदिक मंत्रोच्चार से हुआ। जिसमें भारतीय संस्कृतिक परंपराओं एवं मानवीय मूल्यों का महानतम संदेश निहित है। आयोजन के प्रथम चरण में सिंगापुर के प्रवासी साहित्यकार, राम मोहन यादव, शांति प्रकाश, विनोद दुबे, चित्रा गुप्ता, अनिल कुलश्रेष्ठ, डॉ. प्रतिभा गर्ग, गौरव उपाध्याय,प्रतिमा सिंह तथा रत्नेश पांडेय को उनके साहित्यिक प्रदेय के लिए शाल और प्रशस्ति पत्र भेंटकर सम्मानित किया गया। इस कड़ी में प्रतिभावान विद्यार्थी कियाना कुनाल, कायरा, समर्थ नालगोंडा, श्रेया साहू, शिखा साहू को पढ़ाई में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए स्मृति चिह्न देकर प्रोत्साहित किया गया। आयोजन के दूसरे चरण में हिंदी काव्य-पाठ हुआ। जिसमें रीता पांडेय, चित्रा गुप्ता, अनिल कुलश्रेष्ठ, आराधना सदाशिवम, डॉ. प्रतिभा गर्ग, आलोक मिश्रा, रत्नेश पांडेय, शांति प्रकाश, स्मिता कुंवर, स्मिता सिंह, खुशबू मिश्रा, विनोद दुबे, प्रतिमा सिंह, स्मिता विवेक एवं अनुसूया साहू ने भारतीय गौरव, सामाजिक समस्याओं, मानवीय भावबोध, प्रकृति सौंदर्य की रचनाओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। अंत में संस्थान की महासचिव चित्रा गुप्ता ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम की व्यापक सफलता में दिनेश साहू और डॉ. प्रतिभा गर्ग- राष्ट्रीय सलाहकार एवं मीडिया प्रभारी की अहम भूमिका रही। हिंदी के प्रति समर्पित श्रोताओं और पाठकों की व्यापक सहभागिता से यह कार्यक्रम यादगार बन गया। विदित है कि विश्व हिंदी अधिष्ठान रायगढ़ द्वारा पिछले दिनों पद्मश्री मुकुटधर पाण्डेय की जयंती के अवसर पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम में विश्व के अन्य देशों के प्रवासी साहित्यकारों के साथ सिंगापुर के भी चर्चित साहित्य सेवियों की संलग्नता थी। इसी तरह अनुसूया साहू -अध्यक्ष विश्व साहित्य सेवा संस्थान ईकाई सिंगापुर द्वारा रायगढ़ के डॉ.मीनकेतन प्रधान से लिए गये इंटरव्यू के माध्यम से वैश्विक स्तर पर हिंदी साहित्य की व्याप्ति सहित प्रवासी साहित्य को भारत की मुख्य धारा से जोडऩे का उद्यम सराहनीय रहा है।इन सबके परिप्रेक्ष्य में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर शीघ्र प्रकाश्य संग्रह तथा अन्य अकादमिक गतिविधियों में उनकी संलग्नता के लिए अधिष्ठान के सदस्य डॉ.बेठियार सिंह साहू-सहायक प्राध्यापक हिंदी राजेन्द्र महाविद्यालय छपरा, जयप्रकाश विश्वविद्यालय बिहार, प्रो.सौरभ सराफ सहायक प्राध्यापक हिंदी मोतीलाल नेहरू महाविद्यालय दिल्ली विश्वविद्यालय दिल्ली, लिंगम चिरंजीव राव, इच्छापुरम आंध्रप्रदेश, डॉ.मौना कौशिक बुल्गारिया, मनीष पांडेय नीदरलैंड, मोहन नायक बरमकेला, शशिभूषण पंडा संबलपुर ओडिशा, हरिशंकर गौराहा; डॉ.विद्या प्रधान, पंकज रथ शर्मा सपोस जांजगीर तथा अन्य प्रबुद्ध पाठकों ने बधाई देते हुए हिंदी के उत्थान में पूर्ण सहयोग की बात दुहरायी है।