रायगढ़। जिला मुख्यालय के पुरानी कृषि उपज मंडी और इतवारी बाजार में जल्द ही आक्सीजोन आकार लेने जा रहा है। रायगढ़ विधायक व प्रदेश के वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने यह सौगात बिगड़ते प्रदूषण को रोकने के साथ-साथ शहर के लोगों के लिये बेहतर वातावरण देने की कोशिश की है और इस जगह आक्सीजोन के लिये करोड़ो रूपये की स्वीकृति भी प्रदान कर दी गई है। इतना ही नही वहां काम काज की तैयारी जोर शोर से हो गई है। पुरानी कृषि उपज मंडी के आसपास स्थल में कथित बेजा कब्जा भी हटाये जाने की प्रक्रिया जोरों पर है, पर इस मामले में एक गंभीर पहलू यह भी है कि पुरानी कृषि उपज मंडी के अधिकांश किनारे के इलाकों में उन धन्ना सेठों का बडा कब्जा है जिसको लेकर न तो नगर निगम ने कोई पहल की है और न ही हाउसिंग बोर्ड द्वारा इसे अपनी प्लांनिग में रखा गया है। स्थिति यह है कि इस जगह केवल पार्किंग व कुछ कब्जो को तोडकर कामकाज शुरू किया गया है।
जानकार सूत्र बताते हैं कि आक्सीजोन के पास वाले अधिकांश जगहों के लिये जोरशोर से हाउसिंग बोर्ड के कर्मचारियों द्वारा तोडफ़ोड अभियान शुरू कर दिया गया है। साथ ही साथ बुलडोजरों के माध्यम से इतवारी बाजार व पुरानी कृषि उपज मंडी के किनारे बने कुछ पुराने बेजा कब्जा व पार्किग हटाई भी जा रही है पर कृषि उपज मंडी के किनारे की जमीन जो पुरानी अंबर होटल से लेकर यूनाईटेड टेलर तक की गली में आता है उस जगह में एक दर्जन से भी अधिक मकान व दुकान के बडे निर्माण कार्य हो चुके हैं इनमें निर्माण कार्य की अगर जांच की जाये तो कम से कम बीस-बीस फीट से अधिक जमीन पर बेजा कब्जा मिलेगा और वह जमीन कृषि उपज मंडी की बताई जा रही है। इस मामले में नये आक्सीजोन के निर्माण में इस जगह को पूरी तरह छोड़ दिया गया है।
अधिकारी दे रहे हैं सफाई
इस संबंध में हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों ने हमने बात की तो उनका साफ-साफ कहना है कि किनारे लगी जमीन जिस पर मकान व कुछ दुकानों के हिस्से लगे हुए हैं वे नगर निगम की देखरेख में आते हैं और उन्हें छुने या तोडऩे की अनुमति उन्हें नही दी गई है। अपने नाम नही छापने की शर्त पर उक्त अधिकारी यह बताता है कि इतवारी बाजार के किनारे लगे पार्किंग तथा अन्य जगहों को हटाया जाना है लेकिन पुरानी अंबर होटल से लेकर युनाईटेड टेलर वाली गली तक जो निर्माण कार्य किये गए हैं उनके पास कोई दिशा निर्देश नही है।
धन्ना सेठों को बचाये जाना कितना उचित
रायगढ़ नगर निगम के पास इन लोगों की पुरी कुंडली है और अगर खंगालना शुरू किया जाये तो यह बात साफ हो जाएगी कि वाकई पुरानी कृषि उपज मंडी की अधिकांश बेशकीमती जमीन पर बड़े लोगों का बडा कब्जा है जिसके लिये बीते 40 सालों से कोई नोटिस तो दूर वहां कोई झांकने तक नही जाता। इतना ही नही इसकी जानकारी रायगढ़ विधायक व प्रदेश के वित्त ओपी चौधरी से भी छुपाई गई है। साफ-सुथरे ढंग से अगर यहां आक्सीजोन का सपना पूरा करना है तो जमीन के लिये भी सही ढंग से कार्रवाई होनी चाहिए।