रायगढ़। एचएमपीव्ही वायरस को लेकर स्वास्थ्य विभाग तैयारी शुरू कर दी है। ऐसे में अब जिला अस्पताल में इसके लिए बेड, वेंटिलेटर सहित जांच की सुविधाओं को बेहतर बनाने व अस्पताल आने वाले मरीजों में किस तरह के लक्षण दिखाई दे रहे हैं, उस पर डाक्टरों को ध्यान देने का निर्देश जारी किया गया है। साथ ही अगर किसी मरीज में एमएमपीव्ही वायरस का लक्षण दिखाई देता है तो तत्काल अधिकारियों को सूचित कर इसका जांच कराया जाएगा, ताकि समय रहते मरीजों को बेहतर उपचार की सुविधा मिल सके।
उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस की तरह अब एचएमपीव्ही वायरस भी फैलने लगा है, हालांकि यह वायरस अभी तक छत्तीसगढ़ में नहीं आया है, लेकिन इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा अभी से अलर्ट मोड में आ गया है। ऐसे में जिला अस्पताल में एचएमपीव्ही के लक्षण वाले मरीज आते हैं, तो उनको बेहतर उपचार के लिए बेड तैयार करके रखा गया है, इस संबंध में अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि अभी तक राज्य शासन से कोई गाडइ लाइन जारी नहीं किया गया है, लेकिन रायपुर में हुए बैठक के बाद यहां पहले से तैयारी शुरू हो गई है, ताकि इस तरह के आपात स्थिति बनती है तो उससे आसानी से लड़ा जा सके। साथ ही इसके लिए फिलहाल पांच बेड के साथ पांच वेंटिलेटर तैयार करके रखा गया है। इसके साथ ही आक्सीजन प्लांट की भी जांच की गई है, ताकि अगर मरीजों को आक्सीजन की जरूरत पड़े तो आसानी से उपलब्ध हो सके। साथ ही डाक्टरों को भी निर्देशित किया गया है कि अस्पताल आने वाले मरीजों में अगर एचएमपीव्ही वायरस के लक्षण दिखाई देता है तो उसको तत्काल जांच कराएं और पाजीटिव आता है तो उपचार के साथ इसका रिपोर्ट तैयार कर उच्चाधिकारियों को प्रेशित करें। हालंाकि अभी तक इस तरह के लक्षण वाले कोई मरीज नहीं आया है। इस संबंध में विशेषज्ञों ने बताया कि एचएमपीव्ही वायरस कोई नया है, यह पहले भी आ चुका है, इससे घबराने की जरूरत नहीं है। साथ ही जब ठंड तेज होता है तो इसका बच्चों में दिखाई देने लगता है। वहीं डाक्टरों की मानेें तो यह वायरस सबसे ज्यादा एक साल से कम उम्र के बच्चों में ज्यादा देखने को मिलता है, हालांकि ठंड में इसका असर बुजुर्गो में होता है, ऐसे में इन दिनों लगातार बढ़ रही ठंड को देखते हुए बच्चे व बुजुर्गों को ठंड से बचने की ज्यादा जरूरत है।
एचएमपीव्ही वायरस के लक्षण
इस संबंध में विशेषज्ञों ने बताया कि एचएमपीव्ही के प्रमुख लक्षण जिसमें नाक बहना, नाक भरना, नाक जाम, ज्यादा कफ होना, खांसी, सांस लेने में घरघराहट सुनाई देना, चेहरा व शरीर लाल होना, जुकाम के साथ बुखार होना शामिल है। ऐसे में अगर किसी बच्चे को इस तरह की शिकायत होती है तो उसे तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केद्रों में संपर्क करना चाहिए, ताकि जांच उपरंात समय पर उपचार हो सके।
नार्मल जांच में होता है खुलासा
इस संबंध में विभागीय अधिकारियों ने बताया कि अभी तक एचएमपीव्ही वायरस की जांच के लिए शासन से कोई कीट नहीं आया है, लेकिन अगर कोई इस लक्षण वाले मरीज आते हैं तो उनका ब्लड से जांच किया जाएगा, जिसमें इस वायरस का पता चल जाएगा। साथ ही शासन से गाइड लाइन जारी होने के बाद ही अस्पतालों में कीट आएगा। फिलहाल अस्पताल आने वाले सभी मरीजों को डाक्टरों द्वारा गंभीरता से जांच किया जा रहा है। साथ ही सर्दी-खंासी वाले मरीजों को मास्क लगाने व बार-बार हाथ धोने की सलाह दी जा रही है।