रायगढ़। सर्व आदिवासी समाज के प्रदेश स्तर पर सर्व सहमति से आरक्षण आरक्षित को लेकर निर्णय लिया गया कि जो पूर्व में 2011 के जनगणना अनुसार चलती आ रही पंचायत एवं नगर पंचायत, पालिका में आरक्षित सीट को यथावत रखने के लिए जिला कलेक्टर द्वारा छत्तीसगढ़ महामहिम राज्यपाल, छग मुख्यमंत्री, एवं अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष के नाम लिखित पत्र सौंपा गया है। आदिवासी समाज का कहना है, अनुसूचित जनजाति वर्ग का जनगणना उपरांत जनसंख्या अनुपात में त्रिस्तरीय पंचायत एवं नगरी निकाय चुनाव में आरक्षण लागू करने एवं त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव और नगरी निकाय चुनाव (छत्तीसगढ़ पंचायत राज (संशोधन) अध्यादेश 2024) में आरक्षण का पालन कराने बाबत निम्न बिंदुओं पर शासन प्रशासन का ध्यान आकर्षण एवं उचित कार्यवाही की मांग किए है। जिसमें जनगणना के आंकड़े 2011 का माना जाए। यदि किसी कारणवश 2024 की जनगणना ओबीसी का लिया जाता है तो आदिवासी समाज का भी जनगणना 2024 का होना चाहिए। जब तक 2024 की आदिवासियों गणना नहीं कराया जाता तब तक त्रिस्तरीय पंचायत में आरक्षण पूर्व की भांति रखा जाए। पांचवी अनुसूची क्षेत्र में गैर संवैधानिक रूप से बनाए गए नगरी निकायों में भी पेसा की तरह सभी अध्यक्ष पदों को आदिवासी के लिए आरक्षित रखे एवं वार्ड पार्षदों की संख्या नियमानुसार 50 प्रतिशत से ज्यादा होना चाहिए।
जिला रायगढ़ में तमनार ब्लाक पूर्णत: 5वीं अनुसूचि के क्षेत्र में आने वाली ग्राम पंचायत है जिसे राज्य के मुख्यमंत्री के द्वारा नगर पंचायत की घोषणा की गई है जो उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है 5वीं अनुसूचि के तहत् आने वाले क्षेत्रों में आदिवासी आबादी की सुरक्षा के लिए राज्यपाल के पास विशेषाधिकार और जिम्मेदारियां होती है अत: मुख्यमंत्री की घोषणा निरस्त किये जाने का अनुरोध है। हम आदिवासियों के संवैधानिक रूप से प्रदत आरक्षण को ध्यान में रखते हुए उक्त बिंदुओं पर ध्यान आकर्षित कराए है।