रायगढ़। शहर को मवेशी मुक्त बनाने जहां नगर निगम जगह-जगह बोर्ड लगा रहा है तो वहीं साढ़ों की लड़ाई से आए दिन राहगीर घायल हो रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी इन आवारा मवेशियों को व्यवस्थित करने किसी भी तरह का प्रयास नहीं किया जा रहा है, जिसको लेकर अब शहरवासियों में आक्रोश पनपने लगा है।
गौरतबल हो कि नगर-निगम द्वारा शहर के चौक-चौराहों मेें करीब दर्जनभर से अधिक स्थानों पर मवेशी मुक्त का बोर्ड लगाया गया है। साथ ही उसमें नंबर भी अंकित किया गया है, ताकि मवेशी नजर आने पर उस नंबर सूचना दे, लेकिन सूचना देने के बाद भी मवेशियों को भगाया नहीं जा रहा है, साथ ही अब तो ऐसी स्थिति बन गई है कि जिस जगह में बोर्ड लगा है, वहीं पर मवेशियों का जमघट लगी रहती है। जिसके चलते यातयात तो बाधित हो ही रहा है, साथ ही इनके बीच उपजे दंगल से आवागमन करने वाले राहगीर भी परेशान हो रहे हैं। ऐसे में जैसे ही सडक़ में दो सांढ नजर आते हैं तो लोग डर के मारे में या तो रास्ता बदल दे रहे हैं, या उनके जाने का इंतजार करने लगते हैं। इन सभी के बीच शुक्रवार को सुबह कार्मेल स्कूल के पास स्कूली बच्चों पर सांड ने हमला कर दिया, जिससे दो बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए। जिनका निजी अस्पताल में उपचार चल रहा है। वहीं देखा जाए तो शहर के अंदर सांढ़ों के बीच वर्चस्व की लड़ाई हमेशा होती है जो इतनी भयानक होती है कि देखने वाले भी दांतो तले उंगली दबाने को मजबूर हो जाते हैं। मवेशियों के दंगल से यातायात व्यवधान, जान माल तथा जनहानि का रूप भी अख्तियार कर रही है। हाालंकि इन परिस्थितियों से निगम भली भांति अवगत है, लेकिन इसके बाद भी इनके लिए कुछ खास कारगर उपाया नहीं किया नहीं जा रहा है।
गौठान भी नहीं आ रहा काम
गौरतलब हो कि आवारा मवेशियों को व्यवस्थित करने के लिए लाखों रुपए खर्च कर गौठान भी बनाया गया, लेकिन अब ये गौठान भी इनके काम नहीं आ रहा है। वहीं पूर्व में गाहे-बगाहे गाहे-बगाहे मवेशियों को पकडकऱ वहां ले जाने का खानापूर्ति भी होता था, लेकिन अब वह भी काम नहीं आ रहा है। जिसके चलते हर हमेशा बीच सडक़ में ही मवेशियों की लड़ाई शुरू हो जा रहा है। जिसका जीता जागता प्रत्यक्ष प्रमाण कार्मेल स्कूल के बच्चों पर हुए हमले से स्पष्ट हो रहा है।