रायगढ़। बीती रात पतरापाली स्थित जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड कंपनी के फ्लाइएस केबिन में ब्लास्ट हो गया, जिससे गर्म राख की चपेट में आने से एक फीडर की मौके पर ही मौत हो गई तो वहीं साइड इंजीनियर गंभीर रूप से झुलस गया है। जिससे घायल को रायपुर रेफर किया गया है, वहीं घटना की सूचना पर पुलिस ने मामले को विवेचना में लिया है।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार जांजगीर-चांपा जिला के सारागांव थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम सरहर निवासी अशोक कुमार केवट पिता कार्तिकराम केंवट (39 वर्ष) विगत 15 साल से किरोड़ीमलनगर के वार्ड क्रमांक 13 में रहकर कोतरारोड थाना क्षेत्र के पतरापाली स्थिति जिंदल स्टील प्लांट में क्वीज ठेका कंपनी के तहत फीटर का काम करता था। ऐसे में शनिवार को भी सुबह काम करने के लिए गया था। इस दौरान उसके साथ चक्रधरनगर थाना क्षेत्र के टीवीटावर निवासी साइड इंजीनियर दीपक यादव पिता कैलाश नाथ यादव (39 वर्ष) भी काम कर रहे थे। तभी शाम करीब 7.30 बजे दोनों प्लांट के लाइन डोलो प्लांट एरिया में फ्लो फ्लाइएस केबिन में कार्य कर रहे थे, तभी अचानक उसमें ब्लास्ट हो गया।
जिससे फ्लाइएस का गर्म राख फीडर अशोक केवट व साइड इंजीनियर दीपक यादव के ऊपर ही गिर गया, जिससे दोनों गंभीर रूप से झुलस गए। ऐसे में घटना की सूचना मिलते ही आसपास काम कर रहे अन्य श्रमिकों घटना की सूचना प्लांट प्रबंधन को देते हुए तत्काल बचाव कार्य में लग गए, ऐसे में जब तक दोनों को गर्म राख से बाहर निकला जाता तब तक अशोक केंवट की मौत हो चुकी थी, वहीं साइड इंजीनियर दीपक यादव भी करीब 80 प्रतिशत तक झुलस गया था। ऐसे में दोनों को तत्काल उपचार के लिए जिंदल अस्पताल भेजा गया, साथ ही घटना की सूचना कोतरारोड पुलिस को दी गई। वहीं जब दोनों घायल अस्पताल पहुंचे तो डाक्टरों ने अशोक केंवट को मृत घोषित कर दिया, साथ ही दीपक यादव की गंभीर स्थिति को देखते हुए प्राथमिक उपचार के बाद रायपुर स्थित कालरा बर्न यूनिट रेफर किया गया, जहां उसका उपचार चल रहा है।
वहीं रविवार को शाम को जानकारी मिली है कि वहां भी उसकी स्थिति बेहद गंभीर है, जिसे बाहर भेजने की तैयारी चल रही है, ऐसे में देर रात तक बड़े अस्पताल में भेजा जाएगा। वहीं रविवार को कोतरारोड पुलिस ने मर्ग कायम कर पीएम उपरंात शव परिजनों को सौंप दिया है। साथ ही पुलिस का कहना है कि अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि गर्म फ्लाई ऐश के चपेट में आने से फीटर व साइड इंजीनियर झुलसे है, फिलहाल, मामले की जांच की जा रही है। जांच के बाद ही वास्तविक कारणों का पता चल सकेगा।
परिजनों ने लगाया आरोप
मृतक अशोक केंवट के परिवार ने प्लांट प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाते हुए उसकी पत्नी ललिता और भाई राजेश ने कहा कि प्रबंधन द्वारा श्रमिकों पर 8 घंटे की बजाय 12 घंटा काम करने का दबाव बनाता है। जिसके चलते श्रमिक सुबह से देर शाम तक काम करते रहने से इनका मानसिक तनाव भी बढ़ जाता है। जिसके चलते इस तरह के हादसे का शिकार होते हैं।
मुआवजे का दिया गया आश्वासन
बताया जा रहा है कि गर्म राख की चपेट में आने से ठेका श्रमिक अशोक केंवट के परिजनों को तत्कालिक सहायता राशि के रूप में जिंदल कंपनी के द्वारा 50 हजार रूपये दिया गया है वहीं ठेका कंपनी के द्वारा 3 दिसंबर तक 3 लाख रूपये मुआवजा देने का लिखित आश्वासन दिया गया है। वहीं शासन के नियमानुसार ठेका कंपनी द्वारा राशि पीएफ, पेंशन, ईएसआईसी अन्य भत्ता इत्यादि लगभग साढ़े 6 लाख (30 लाख रुपए) दस्तावेज कार्यवाही पूरा होने के बाद दिया जाएगा। इसके अलावा 19 हजार रुपए प्रतिमाह मृतक की पत्नी को पेंशन दिया जाने की बात लिखित में दिया गया।
बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित मां
मृतक की पत्नी ललिता केंवट ने ठेका कंपनी पर आरोप लगाते हुए बताया कि ठेका कंपनी द्वारा 8 घंटे की बजाये 12 घंटे जिंदल कंपनी में काम कराया जा रहा है। इस वजह से उनके पति की मौत हो गई है। उनके पति की मौत हो जाने के बाद उनके बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित हैं। ठेका कंपनी द्वारा मुआवजा नही दिया गया है एक कागज में मुआवजा देने की बात कही गई है।