रायगढ़। चक्रवाती तूफान फेंगल का असर दूसरे दिन भी बना रहा, जिससे रविवार को पूरे दिन रिमझिम बरसात होती रही, लेकिन कभी हल्की तो कभी तेज होने के कारण कामकाजी लोग कभी रेन कोट तो कभी जैकेट में नजर आए। साथ ही ठंडी हवा के आगमन से तापमान में गिरावट आई है। ऐसे में रोजमर्रा की जिंदगी भी प्रभावित हुई है।
उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल के खाड़ी में उठे तूफान ‘फेंगल’ का असर जिले दूसरे दिन भी बना रहा, जिसके चलते शनिवार दोपहर से शुरू हुई रिमझ्झिम बरसात लगातार रविवार को भी पूरे दिन बना रहा। इसके चलते अधिकतम तापमान में गिरावट आई है। साथ ही रविवार को पूरे दिन लगातार रिमझिम बरसात होने के कारण कामकाजी लोग जैकेट की जगह रेनकोट में नजर आए, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में लोग अपनी फसल को बचाने के लिए पूरे दिन भिंग कर धान फसल को समेटते रहे, लेकिन लगातर बारिश के चलते फसल को बचाना मुश्कल थे। ऐसे में कटे हुए फसल को प्लास्टिक लगाकर कबर कर रहे थे, लेकिन नीचे पानी जाने के कारण भीग गया है।
वहीं मौसम विभाग का कहना है कि दक्षिण पश्चिम बंगाल की खाड़ी मतें बना चक्रवात फेंगल का रविवार को लैंडफाल हो चुका है, लेकिन बंगाल की खाड़ी से वातावरण के निम्न स्तर पर प्रचुर मात्रा में नमी का आगमन लगातार जारी है। इसके प्रभाव से प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में बादल के साथ रिमझिम बरसात हो रही है। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि दो दिसंबर सोमवार को भी आसमान में बादल छाए रहेंगे, साथ ही जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में हल्की वर्षा भी होगी। साथ ही लगातार बारिश व नमीयुक्त हवा के आगमन होने से ठंड भी बढऩे लगा है। जिससे रविवार को पूरे दिन हल्की बरसात होने से लोग घरों में ही दूबके रहे, इस दौरान कामकाजी लोग ठंड के मौसम में भी रेनकोट पहनकर घरों से निकले हुए थे।
भीगे धान को लेकर किसान परेशान
रोजमर्रा के अलावा तूफान का सबसे अधिक प्रभाव खेती-किसानी पर देखने को मिल रहा है। क्षेत्र के किसान जो फसल कटाई के बाद धान सुखाने के लिए खेतों में रखे थे वह पूरी तरह से भीग गया है। ऐसे में कई किसान उसे उठाकर अपने घरों तक ला रहे हैं, लेकिन अब इसे सुखाने को लेकर परेशान है, क्योंंकि जब तक यह कटा हुआ फसल अच्छी तरह से सुखेगा नहीं तब तक इसका मिसाई भी नहीं हो सकता। ऐसे में अब मौसम की अनिश्चितता को लेकर इनका तनाव बढ़ गया है। वहीं कई किसान मशीन से धान की कटाई कर घर के बाहर धान को डंप किए थे, वह भी भीग गया है, जिससे अब धान के ढेर को कैसे सुखाए, ऐसे में जब तक अच्छी तरह से सुखेगा नहीं तब तक मंडी तक भी नहीं जा सकता। साथ ही अगर कई दिनों तक इसी तरह से मौसम बना रहा तो अंदर ही अंदर धान सडऩे की कगार पर पहुंच जाएगा। जिससे इनकी सालभर की मेहनत पर पानी फिरता नजर आ रहा है।
मंगलवार से छटेगा बादल
मौसम विभाग के अनुसार रविवार से फेंगल तूफान का असर कम होने लगा है। ऐसे में अब तीन दिसंबर से बादल छटना शुरू होगा, जिससे चार दिसंबर से आकाश मुख्यत: साफ होने की संभावना है, ऐसे में मौसम साफ होने के बाद न्यूनतम तापमान में गिरावट और अधिकतम तापमान में वृद्धि होने की बात कही जा रही है। जिससे कडकड़़ाती ठंड भी शुरू होगी। जिससे लोगों को अपनी सेहत को लेकर भी सर्तक रहना होगा।