धरमजयगढ़। वन मंडल धरमजयगढ़ में जंगली हाथियों की मौत होने का सिलसिला जारी है। इसी क्रम में गुरूवार की सुबह तालाब में एक हाथी शावक का शव मिलने से वन विभाग में हडक़ंप की स्थिति निर्मित हो गई है। घटना की जानकारी के बाद मौके पर पहुंची विभागीय टीम आगे की कार्रवाई में जुट गई है।
जानकारी के मुताबिक, धरमजयगढ़ वन मंडल में पिछले लंबे समय से 152 जंगली हाथियों का दल विचरण कर रहा है। जंगली हाथियों के द्वारा लगातार ग्रामीण किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। इसी बीच गुरूवार की सुबह छाल रेंज के हाटी बीट में कक्ष क्रमांक 554 के पास वन विभाग के तालाब में एक हाथी शावक का शव मिला है। बताया जा रहा है कि मृत हाथी शावक की उम्र करीब 3 से 4 माह के आसपास है। तालाब में डूबने से मौत हो गई है। इस घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग के अधिकारियों की टीम मौके पर पहुंचकर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
मृत नवजात हाथी शावक के शव परीक्षण पश्चात आवश्यक अंगों का सेम्पल लिया गया और मौका स्थल का जांच, परिस्थिति एवं जिला स्तरीय गठित पशु चिकित्सा अधिकारियों की टीम के द्वारा पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार नवजात हाथी की मृत्यु तालाब के पानी में डुबने के कारण हुई है। तत्पश्चात मौके पर उपस्थित उच्चाधिकारियों की उपस्थिति में विधिवत् गड्ढा खोदकर कफन-दफन किया गया।
लगातार हो रही हाथियों की मौत
रायगढ़ जिले में जंगली हाथियों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नही ले रहा है। जहां पिछले दिनों तमनार वन परिक्षेत्र के चुहकीमार जंगल में 24 अक्टूबर को 11केवी विद्युत प्रवाहित करंट की चपेट में आने से एक साथ तीन जंगली हाथियों की मौत के बाद 17 नवंबर को धरमजयगढ़ वनमंडल के बोरो रेंज के रूंवाफूल बीट में एक माह पुराना हाथी शावक का कंकाल मिला था। इस घटना के बाद आज फिर से छाल रेंज के हाटी बीट में हाथी शावक की मौत हो जाने से वन विभाग में हडकंप की स्थिति निर्मित हो गई है।
51 हाथी कर रहे विचरण
इस संबंध में धरमजयगढ़ वन मंडल के डीएफओ अभिषेक जोगावत ने बताया कि छाल रेंज के हाटी बीट में 554 कक्ष क्रमांक में हाथी शावक का शव मिला हैं यहां पिछले दो दिनों से 52 हाथियों का दल विचरण कर रहा था। यहां वन विभाग के द्वारा बनाये गए तालाब में सुबह हाथियों का दल नहा रहा था।
हाथियों की चिंघाड़ सुनकर पहुंचे ट्रैकर
डीएफओ अभिषेक जोगावत ने बताया कि इस दौरान हाथियों के चिंघाड़ की आवाज सुनकर हाथी ट्रैकर जब घटना स्थल पहुंचे तो उन्होंने देखा कि तालाब में हाथी शावक का शव पानी में तैर रहा था। जिसके बाद उन्होंने इस घटना की जानकारी वन विभाग के अधिकारियों को दी तब विभाग की टीम मौके पर पहुंची। प्रारंभिक जांच में पता चला कि पानी में डूबने से हाथी शावक की मौत हो गई है।
दल पर रखी जा रही नजर
छाल रेंज के हाटी बीट में पानी में डूबकर हाथी शावक की मौत हो जाने के बाद वन विभाग अलर्ट मोड में आ गई है और जंगली हाथियों के दल के हर मूवमेंट पर ड्रोन कैमरे से नजर बनाये हुए है। साथ ही साथ हाथी प्रभावित गांव के ग्रामीणों को सावधानी बरतने के साथ-साथ किसी भी कार्य के सिलसिले में जंगल की तरफ नही जाने की बात कही जा रही है।
एक माह के भीतर तीन लोगों की मौत
जिले में जंगली हाथियों के हमले से इंसानों की मौत का भी सिलसिला जारी है। यहां एक माह के भीतर हाथी के हमले से अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है।
1. धरमजयगढ़ वन मंडल के दुलियामुडा गांव में 28 अक्तूबर को हाथियों के दल को भगाने के चक्कर में एक ग्रामीण वेदराम कंवर 35 साल को कुचलकर मौत के घाट उतार दिया।
2. धरमजयगढ़ वन मंडल के बोरो रेंज के जमरगी डी बीट के जंगल में 09 नवंबर को जंगली हाथी ने रामपुर निवासी रमलू तिर्की को कुचलकर मौत उतार दिया।
3. लैलूंगा रेंज के बगुडेगा के लाख पहरी जंगल में 12 नवंबर की रात खाना खाकर सोने जा रहे एक ग्रामीण अगनु अगरिया 45 साल को जंगली हाथी ने कुचलकर मौत के घाट उतार दिया था।