सारंगढ़। अन्नकूट धार्मिक पर्व है जिसे दीपावली के अगले दिन, गोवर्धन पूजा के अवसर पर मनाया जाता है। इसे मुख्य रूप से उत्तर भारत में मनाया जाता है, व यह भगवान कृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत उठाने की कथा से जुड़ा हुआ है। नगर के गोपाल जी मंदिर छोटे मठ में अन्नकूट का भोग अर्पण किया गया। मुख्य जजमान सुभाष अग्रवाल सपत्नीक विधि विधान से पूजन कियें। तत्पश्चात् महा भंडारा में विभिन्न प्रकार के व्यंजन तैयार किए गये हैं जिसे भगवान को चढ़ाया गया और अन्नकूट रात्रि 8 बजे आरंभ की गई है। अन्नकूट पर मंदिर में विशेष सजावट हुई थी और भोग के रूप में चावल, सब्जियाँ, मिठाई, दाल, और अन्य कई तरह के पकवान बनाए गए थे महंत
बंशीधर दास मिश्रा ने कहा कि पौराणिक कथा के अनुसार, जब इंद्रदेव ने गोकुल वासियों को दंडित करने के लिए भारी वर्षा शुरू की, तब भगवान कृष्ण ने अपनी छोटी अंगुली पर गोवर्धन पर्वत उठाकर सभी गोकुल वासियों और पशुओं की रक्षा की। इसके बाद से गोवर्धन पूजा का महत्व बढ़ गया। गोवर्धन पूजा में गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाकर उसकी पूजा की जाती है। इस दिन को अन्नकूट महोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है, जिसमें भगवान को विभिन्न प्रकार के पकवान, मिठाइयाँ, और अन्य प्रसाद अर्पित किए जाते हैं। इसे अन्नकूट इस लिए कहा जाता है क्योंकि भगवान को अन्न के ढेर का भोग लगाया जाता है।
गोपाल जी मंदिर छोटे मठ में अन्नकूट प्रसाद वितरित
