बिलाईगढ़। थाना प्रभारी प्रमोद यादव ने बताया कि साइबर अपराध कई प्रकार के होते हैं जिसमें हैकर्स , धोखेबाज किस्म के अपराधी पीडि़तों की प्रतिष्ठा, वित्त, व्यवसाय आदि को प्रभावित करने वाले विभिन्न साधनों का उपयोग करते हैं। समय के साथ साइबर अपराधी साइबर क्राइम करने के तरीके बदल रहे हैं। उन्होंने बताया कि आपकी सहायता करने के लिए आपको यदि कोई बैंक, बिजली निगम, टेलीफोन एक्सचेंज, आयकर या किसी भी विभाग का कर्मचारी बताकर आपसे कोई जानकारी मांगता है तो आप उसे अपनी कोई भी जानकारी ना दें।साइबर ठग इंटरनेट मीडिया के जरिए भेजते हैं फ्रैंड रिक्वेस्ट
साइबर ठगों के निशाने पर हर वह आदमी है, जो किसी भी डिजिटल माध्यम से जुड़ा है , फिर चाहे वह इंटरनेट मीडिया हो या फिर इंटरनेट बैंकिंग। बदलते वक्त के साथ साइबर ठगों ने अपने पैंतरे भी बदले हैं। साइबर ठग इंटरनेट मीडिया के जरिए लोगों के पास किसी एप्लीकेशन के माध्यम से फ्रैंड रिक्वेस्ट भेजते हैं। वह उनसे दोस्ती करके धीरे-धीरे उनके बारे में समस्त जानकारी जुटा लेते हैं। उसके बाद शातिर उनको ठगी का शिकार बनाते हैं। वो उनकी निजी फोटो/बैंक खातों से संबंधी जानकारी भी एकत्रित कर लेते हैं और अपने जाल में फंसाकर उनके खाते में जमा पूंजी को खाली कर देते हैं। ऐसे में विद्यार्थियों को इस बात का ख्याल रखना चाहिए की वह अपने इंटरनेट मीडिया अकाउंट व बैंकिंग एप्स को सुरक्षित लॉक करके रखें तथा अपनी निजी जानकारी को किसी भी व्यक्ति से सांझा करने से बचें। पुलिस टीम के सउनि विमला मनहर ने अभिव्यक्ति ऐप के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि अभिव्यक्ति ऐप को गूगल प्ले स्टोर या क्यू आर कोड से डाउनलोड किया जा सकता है। इस ऐप के माध्यम से आपातकाल परिस्थितियों मे अपने निकटतम संबंधित डायल 112 को सीधे सूचना भेजा जा सकता है।