पखांजूर। ऑल इण्डिया किसान खेत मजदूर संगठन ने अनुविभागीय अधिकारी( रा.)पखांजुर के हाथो किसानों के खेतों में पानी, बिजली समस्या, समर्थन मूल्य में खरीदी केन्द्र में विविध शोषण बंद करने के मांग पर ज्ञापन सौपा।ब्लॉक अध्यक्ष अजित मिस्त्री, अनिमेष विश्वास, महेश मण्डल, उपाध्यक्ष सुधिर मण्डल, सहसचिव जयंत सरकार आदि ने कहां है कि किसानों को खेतों में 12 माह पानी और बिजली के पर्याप्त वोल्टेज वगैर फसल उत्पादन करना नामुमकिन है। इसके बावजूद आप जानते है प्राकृतिक आपदा अति बृष्टि, ओला बृष्टि, तुफानी हवा,गुणवत्ता हीन खाद,बीज, किटनाशक आदि से किसानों के खेतो मे ही फसलें पुरी तरह बर्बाद हो रहे हैं।देश के अन्नदाता किसान कठोर कठिन परिश्रम कर देश में दो-वक्त के लिए देश में अनाज उपलब्ध कर रहे है।किसानों को फसल उत्पादन करने में लागत खर्च भी नहीं मील रही है।बाजार दर उद्योग पतियों के हाथो नियंत्रण रहने के कारण।फसल पकते ही बजार दर गिरा देते है और किसानों के हाथों कि फसल मालिकों के गोडाउन में एकत्रित करने के पश्चात।देश में फसल उत्पादन कम का झुठी प्रचार कर।सस्ते से सस्ते में खरीदा फसल 100गुना सें हजारों गुणा बृद्धि कर बाजार में छोरते है और देश में बेतहशा मूल्य बृद्धि का दंश आम जनता त्राहिमम कर रहे है। यही है देश और अन्नदाता कि वास्तविक परिस्थिति। इसलिए हम संगठन सरकार से आग्रह करते है कि देश में राष्ट्रीय बाजार व्यवस्था लागु करें।और समर्थन मूल्य में धान /मक्का खरेदी केन्द्र पर किसानों पर ढाहने वाले खरीदी तमाम समस्या व शोषण बंद किया जाए। किसानों को प्रति वर्ष धान/ मक्का खरीदी केन्द्रों में से तमाम किसानों को आर्थिक, मानसिक शोषण से पीडि़त हैं।खरीदी केंद्र में धान /मक्का तौल में सुखती के नाम पर धान की प्रति बोरी व धान कि कुल क्विंटल में से कटौती कर किसानों को पावती पर्ची थामा दिया जाता है। शासन का दिशानिर्देश एवं नियमानुसार सुखत मात्रा कि कटौती नहीं किया जाना है।धान /मक्का नाप तौल में प्रति बोरी व प्रति क्विंटल कि दर से हमालों को नगद राशि देना किसानों को देना होता है। शासन का दिशानिर्देश एवं नियमानुसार किसानों को नगद तौल हेतु नहीं देना होता है जो शासन का दिशानिर्देश एवं नियमानुसार हमालो को शासन द्वारा भुगतना कर दिया जाता है।टोकन हेतु पहले पट्टा जमा करने वालो का सरल क्रमश: होना चाहिए उसमें भी मनमानी होती है आदि अनियमितता बंद होना चाहिए। प्रत्येक खरीदी केन्द्र में से मक्का खरीदी नहीं किया जाता है। जिससे किसानों को कोचिया,व्यापारी आदि के हाथो पर ओने- पोने दाम पर मक्का बिक्री करने में मजबूर है।किसानों पर हो रहे तमाम शोषण बंद करे।और जल्द से जल्द समस्या समाधान करे।किसान संगठन को जनांदोलन करने मजबूर न किया जाए।फसल उत्पादन एवं बिक्री तमाम समस्याओं के खिलाफ आंदोलन के लिए पुरी तरह शासन -प्रशासन जिम्मेदार होंगे।
्रढ्ढ्य्यरूस् ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि सही सोच रखने वाले लोगों,तमाम संगठनों से भी अपील की है कि किसानों कि तमाम समस्याओं व शोषण के खिलाफ आवाज उठाएं और अन्नदाता को न्याय दिलवाने के लिए आगे आएं।
खरीदी केन्द्र में शोषण बंद करने एसडीएम को सौपा ज्ञापन
