मांग पूरी नही होनें पर स्कूल में तालाबंदी की दी चेतावनी
रायगढ़। यूं तो स्कूल को शिक्षा का मंदिर कहा जाता है। जहां बच्चे शिक्षा ग्रहण कर अपना भविष्य संवारते हैं। परंतु जिस स्कूल के शिक्षक ही नशेड़ी हो और कभी कभार स्कूल आते हैं तो ऐसे में इस स्कूल के छात्रों का भविष्य अंधकारमय होना लाजमी है। प्राथमिक शाला बच्चों के बिगड़ते भविष्य को देखते हुए घरघोड़ा ब्लाक के छोटे गुमडा के ग्रामीणों ने जिला शिक्षा अधिकारी को इस आशय का ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की है।
जिला शिक्षा अधिकारी के नाम सौंपे गए ज्ञापन में ग्रामीणों ने कहा है कि छोटे गुमड़ा प्राथमिक शाला में दो शिक्षक पदस्थ हैं लेकिन दोनों ही शिक्षक नशे के आदि है एवं कभी भी समय पर स्कूल नही पहुंचते। जिससे बच्चों की नियमित पढ़ाई नही होनें से उनका भविष्य अंधकार में डूबता जा रहा है।
गांव के राजेन्द्र गुप्ता, मनबोध डनसेना, रामलाल सिदार, श्यामलाल के अलावा अन्य लोगों ने बताया कि प्रधान पाठक खिलावन सिंह ठाकुर विगत 20 वर्षो से गांव में पांव पसारे हुए हैं वहीं सहायक शिक्षक अशोक मिंज बिना नशे के स्कूल पहुंचते ही नही। दोनों के खिलाफ ग्रामीणों ने कई बार शिकायत कर चुके हैं इसके बावजूद विभाग के द्वारा इन पर किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नही की जाती। गांव के ग्रामीणों के अनुसार दोनों ही शिक्षक स्कूल परिसर में शराब व गांजा का सेवन करते हैं।
गांव के ग्रामीणों ने इस बार चेतावनी भरे अंदाज में कहा है कि इन दोनों शिक्षकों को 12 सितंबर तक गांव के स्कूल से हटाकर यहां नये शिक्षकों की नियुक्ति किया जाये अन्यथा 13 सितंबर से स्कूल में ताला बंद करने पर विवश हो जायेंगे और जिसकी संपूर्ण जवाबदारी शिक्षा विभाग की होगी।
हर एक माता-पिता का सपना होता है कि उनका पुत्र स्कूल में अच्छी शिक्षा ग्रहण कर अपना भविष्य संवारते हुए समाज में अपना नाम और खुद को स्थापित करें परंतु सरकारी स्कूल के शिक्षकों की इस तरह की हरकत से छात्रों का भविष्य कितना संवर सकता है यह अंदाजा लगाया जा सकता है।
बहरहाल अब देखना यह है कि छोटे गुमडा के ग्रामीणों के द्वारा शिक्षा विभाग को सौंपे गए ज्ञापन के बाद विभाग संबंधित शिक्षकों पर किस प्रकार की कार्रवाई करता है।