घरघोड़ा। नगर पंचायत घरघोड़ा में निलंबित बाबू के कार्यालय पहुंचने के मामले को लेकर हो हंगामे में अब नया मोड़ आ गया है।
इस बारे में निलंबित बाबू का बयान सामने आया है जिसमे निलंबित बाबू शम्भू पटनायक का कहना है कि उसे मंत्री सम्बन्धी बैठक की जानकारी बनाने के लिए सीएमओ घरघोड़ा द्वारा निर्देशित करने पर वह कार्यालय पहुंचा था जहाँ वह भृत्य का इंतज़ार कर रहा था ताकि वो आकर कार्यालय खोले और वह अपेक्षित जानकारी सीएमओ के निर्देशानुसार समय सीमा में बना सके पर इसी दरमियान एक पार्षद व उनके साथी कार्यालय परिसर में घुस आए और निलंबित बाबू के कार्यालय में आने को लेकर हंगामा करने व वीडियो बनाने लगे। निलंबित बाबू पटनायक के अनुसार उन्होंने सीएमओ के निर्देश पर कार्यालय आने व भृत्य का इंतज़ार करने की बात भी बताई पर पार्षद व उनके साथी किसी अपराधी की तरह बाबू से उलझने लगे जिससे बाबू बिना जानकारी बनाये चुपचाप वहां से चला गया।
दुर्भावनावश बनाया गया राजीनीति का शिकार-पटनायक
इस मामले में निलंबित बाबू पटनायक ने बताया कि उक्त पार्षद मुझे बेवजह के उन मामलों में दोषी मानते हैं जो कि बकायदा सर्वसम्मति से परिषद की बैठक में प्रस्तावित हुए थे। मुझे इसी दुर्भावना वश राजनीति का शिकार बनाया जा रहा है। बड़े लोगो की राजनीति में पीसकर मुझे निलंबित किया गया और अब बेवजह के इल्जाम लगाए जा रहे हैं और मैं भय वश इसकी शिकायत भी नही कर पा रहा जबकि उस रात पार्षद एवं अन्य व्यक्ति द्वारा गुट बनाकर शासकीय कार्य में बाधा डालते हुए हुए मुझे धमकाया गया जिसमें किसी प्रकार की अप्राकृतिक घटना भी हो सकता था। अब देखने वाली बात होगी कि निलंबित बाबू के बयान के बाद इस मामले में क्या नया मोड़ आता है।