रायगढ़। ग्राम लोइंग के किसान संजय विश्वाल ने ग्राम महापल्ली स्थित अपने निजी भूमि खसरा नंबर 222,1 रकबा 1.0220 हेक्टेयर में से एक नग सराई,एक नग बीजा और एक नग। कारी पेड़ जो सुख गए हैं जिसके कारण डगाली गिरने पर आम जन को खतरा पैदा हो सकती है। इसी आधार पर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को पेड़ काटने की अनुमति मांगी थी। एसडीएम रायगढ़ ने वन मंडलाधिकारी को इस मामले में अभिमत मांगा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार वन परिक्षेत्र अधिकारी जामगाव ने अपना प्रतिवेदन तीन सूखे पेड़ो को काटने पर विभाग को कोई आपत्ती नही होने संबंधी जानकारी दी। हालाकि तीन सूखे पेड़ो को किसान ने दिखाए। राजस्व विभाग के पटवारी राजस्व निरीक्षक ने भी इसी आधार पर अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत किए। जमीन की कोई सीमांकन किए बिना छोटे झाड़ जंगल जमीन पर स्थित पेड़ो को निजी भूमि बता कर किसान ने एसडीएम रायगढ़ से पेड़ काटे जाने की अनुमति ले ली। एसडीएम द्वारा पेड़ काटे जाने के शर्तों के आधार पर राजस्व विभाग और वनविभाग की उपस्थिति में पेड़ काट कर उसे वन विभाग अपने अधीन रख कर नीलम करने के बाद 90 प्रतिशत राशि किसान को लौटाने तथा शेष दस प्रतिशत राशि वन विभाग में रखने के साथ ही किसान पेड़ काटने के बदले दस गुना पेड़ निजी भूमि में लगाकर देखभाल स्वयं करने के निर्देश दिए हैं।
किसान ने राजस्व विभाग और वनविभाग के अनुपस्थिति में 8 हरे भरे इमारती पेड़ जिनमे 3 बीजा के 3 सराई सहित 2अन्य प्रजाति सेनहा के कुछ जेसीबी मशीन से उखाड़ दिए हैं तो कुछ आरी से काट दिया गया है। कल यानी 21 सितंबर को पेड़ काटे जाने की जानकारी ग्रामीणों व सरपंच को हुई तो पटवारी और वन अमला को इसकी सूचना दी। आज राजस्व निरीक्षक,पटवारी और वन विभाग कर्मचारी मौके पर पहुंचे और सीमांकन किए किंतु कुछ हिस्से में झाड़ झंकार होने के कारण नाप जोख नही हो सका। ऐसे में यह स्पष्ट नहीं कर पाए की उक्त कटे और उखाड़े गए पेड़ किसान के निजी भूमि पर है या फिर छोटे झाड़ जंगल जमीन है। इस मामले में सरपंच अनंत राम चौहान,ब्रजेश गुप्ता अशोक निषाद आदि ने बताया कि उक्त काटे गए पेड़ छोटे झाड़ जंगल जमीन पर स्थित है। इस भूमि का कई बार सीमांकन हो चुका है। फिल हाल राजस्व विभाग बला टालते हुए अभी सीमांकन नही कर पाने तथा छोटे झाड़ जंगल में है या किसान के निजी जमीन पर है इस पर संशय होने की बात कही है। सरपंच ने बताया की ग्राम पंचायत अथवा वन प्रबंधन समिति से उक्त पेड़ो को काटे जाने संबंधी काटे जाने को लेकर कोई सहमति नहीं ली गई है।उक्त पेड़ो को जो तीन के बदले आठ पेड़ काटे गए हैं। इन्हे जप्त कर वन अमला के सुपुर्द करना बताया गया। अनुविभागीय अधिकारी राजस्व प्रवीण तिवारी ने बताया कि किसान के पास अगर लीगल मेरे हस्ताक्षर जारी किए आदेश है तो ठीक है और उसे वन विभाग के रेंजर के देखरेख में काटे जाने है।