रायगढ़। 39वें चक्रधर समारोह में आज भारत सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री श्री रामदास आठवले, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय विभाग मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। समारोह में दीप प्रज्वलित कर उन्होंने मंच से लोगों को संबोधित किया और कहा कि संगीत के क्षेत्र में रायगढ़ की पहचान है।
रायगढ का नाम देशभर में फैले इसके लिए हम सभी को शास्त्रीय संगीत को जीवित बनाये रखना है। उन्होंने वर्तमान में बन रही फिल्मों और गीत संगीत की परवाह न करते हुए शास्त्रीय संगीत को जीवित रखने की दिशा में इस तरह के आयोजनों को महत्वपूर्ण बताया। मंत्री श्री आठवले ने शास्त्रीय संगीत को आगे बढ़ाने और उन्हें पहचान दिलाने में राजा चक्रधर के योगदान को अविस्मरणीय बताया और कहा कि संगीत हमारे देश का सुनहरा तारा है। संगीत से किसी का दिल जीता जा सकता है। संगीत प्रेरणा देती है और इससे भविष्य निर्माण की शक्ति मिलती है। जीवन आनंदमय होकर आगे की ओर बढ़ता है।
केंद्रीय राज्यमंत्री श्री आठवले ने राजा चक्रधर के संगीत के क्षेत्र में योगदान की प्रशंसा की और कहा कि अपनी संगीत विद्या तथा ग्रंथों की रचना से उन्होंने अपनी अलग पहचान बनाई। उन्होंने राजा चक्रधर के विजन को आगे ले जाने की दिशा में आगे बढऩे और उनके सपनों को पूरा करने के लिए सभी के योगदान को महत्वपूर्ण बताया।
केंद्रीय राज्यमंत्री श्री आठवले ने कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने देश का संविधान लिखा और सभी समाज को समान रूप से आगे बढ़ाने का काम किया। हम उनको धन्य मानते हैं वे सबसे बड़े लोकतंत्र के महामानव है। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार देश को विकास के रास्ते मे ले जाने की दिशा में लगातार काम कर रही है। आदिवासी, दलित, पिछड़े वर्ग सहित सभी समाज के लिए योजनाएं बनाकर उन्हें विकास से जोड़ा जा रहा है। उन्होंने संगीत के क्षेत्र में प्रशिक्षित मर्मज्ञों को स्मरण करते हुए राजा चक्रधर को आदरांजलि अर्पित की तथा रायगढ़ के राज्य सभा सांसद श्री देवेंद्र प्रताप सिंह, लोकसभा सांसद राधेश्याम राठिया, कलेक्टर कार्तिकेया गोयल, पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल सहित रायगढ़ एवं छत्तीसगढ़वासियों की प्रशंसा की। इस अवसर पर लोकसभा सांसद राधेश्याम राठिया, कलेक्टर कार्तिकेया गोयल, पुलिस अधीक्षक श्री दिव्यांग पटेल आदि उपस्थित थे।
यह गर्व की बात है कि आदिवासी राजा ने रायगढ़ घराने की रचना की
समारोह को संबोधित करते हुए श्री रामदास आठवले ने कहा कि यह विस्मय और गर्व की बात है कि एक आदिवासी राजा महाराज चक्रधर सिंह ने कथक का चौथा घराना, रायगढ़ घराना की रचना की। शास्त्रीय नृत्यों-संगीत के इतिहास में महाराजा चक्रधर सिंह का नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। उनका लगाव संगीत के अलावा साहित्य और खेलों में था। उन्होंने संगीत के अनमोल ग्रंथो की रचना की। उनके बोए संगीत का यह पौधा अब चक्रधर समारोह के आयोजन से देश-विदेश तक विशाल सांस्कृतिक वृक्ष के रूप में परिवर्तित हो गया है। मुझे यहाँ आकर ऐसा महसूस हो रहा है कि मैं एक सांस्कृतिक कुंभ में एक तीर्थ यात्रा में आया हूँ और मेरी कोशिश होगी कि आगे भी यहाँ आता रहूँगा।
शास्त्रीय संगीत को जीवित रखना हम सबकी जिम्मेदारी-रामदास आठवले
रायगढ़ को बताया संगीत का गढ़, कहा राजा चक्रधर के योगदान अविस्मरणीय, केंद्रीय राज्य मंत्री श्री आठवले 39वें चक्रधर समारोह में हुए शामिल
