रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव ने ‘हाय रे सरगुजा नाचे’ गाने पर जमकर डांस किया। आदिवासी समुदाय के लोगों के बीच गले में मांदर टंगाकर विष्णुदेव साय भी स्टेज पर चढ़ गए। आदिवासी गीतों पर झूमने लगे। उनके साथ पूर्व सांसद और भाजपा नेता नंदकुमार साय भी नाचते दिखे। इसका वीडियो भी सामने आया है। दरअसल, करमा तिहार का कार्यक्रम रायपुर के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मंडपम में आयोजित किया गया था छग कंवर समाज युवा प्रभाग, रायपुर महानगर ने कार्यक्रम का आयोजन किया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि, हमारी संस्कृति हमारे पूर्वजों की देन है। प्रगति के साथ-साथ आदिवासी संस्कृति का संरक्षण भी जरूरी है। मुख्यमंत्री ने यहां पारम्परिक विधान से पूजा-अर्चना भी की।
कुंवारी बेटियों का त्योहार
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि, करमा तिहार मनाया जा रहा है। आदिवासी संस्कृति में कई तरह के करमा तिहार मनाए जाते हैं। आज एकादशी का करमा तिहार है। आज का त्योहार हमारी कुंवारी बेटियों का त्योहार है। इस करमा पर्व को मनाने का उद्देश्य है कि हमारी बेटियों को अच्छा वर और अच्छा घर मिले। भगवान शिव और माता पार्वती का पूजन करके बेटियां अच्छे वर और अच्छे घर की कामना करती हैं। इसके बाद दशहरा करमा का त्योहार भी आता है। जिसमें शादी के बाद पहली बार जब बेटी मायके आती है, तो वह उपवास रहकर विजयादशमी का पर्व मनाती है। पुत्र-पुत्रियों के लंबे जीवन की कामना के साथ जियुत पुत्रिका करमा मनाया जाता है। यह एक बहुत कठिन व्रत होता है, जिसमें माताएं चौबीस घण्टे बिना अन्न-जल ग्रहण किये इस करमा पर्व को मनाती हैं। हमारी संस्कृति में कृषि कार्य से भी करमा पर्व जुड़ा है। एक त्योहार बाम्बा करमा भी होता है। बाम्बा एक प्रकार का कीट होता है, जो धान के दाने में बीमारी पैदा करता है। इस करमा में नौजवान बेटे उपवास रहते हैं बाम्बा कीड़े को नदी में विसर्जित करते हैं। करमा तिहार प्रकृति से जुड़ा तिहार है। जब वर्षा नहीं होती तब पानी कर्मा मनाया जाता है। इस पर्व में करमा पूजा करके वर्षा के लिए प्रार्थना की जाती है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि हर साल राजधानी रायपुर में करमा त्योहार मनाया जाना चाहिए।
अपनी संस्कृति पर गर्व है
मुख्यमंत्री ने कहा कि, हमें आदिवासी संस्कृति को कभी भूलना नहीं है। हमें अपनी संस्कृति को जिंदा रखना है। ये नृत्य-गीत हमारे समाज को जोड़ के रखते हैं। प्रगति के साथ हमें इसे बरकरार रखना है। ये बहुत गर्व का विषय है कि आज आपका एक आदिवासी बेटा मुख्यमंत्री है। कल ही हमारी सरकार को बने 9 महीने पूरे हो गए हैं। 21 क्विंटल धान की खरीदी की जा रही है। धान का मूल्य 3100 रुपये प्रति क्विंटल हम दे रहे हैं। दो साल का बकाया बोनस भी हमने दिया है। महतारी वंदन योजना के तहत हर महीने 1 हज़ार रुपये माताओं-बहनों के खाते में दिया जा रहा है। हमारे वनवासी भाइयों को हम तेंदूपत्ता की राशि प्रति मानक बोरा 4 हज़ार से बढ़ा कर 5500 रुपये दे रहे हैं।
सीएम ने ‘हाय रे सरगुजा नाचे’ गाने पर किया डांस
गले में मांदर डालकर नाचे विष्णुदेव साय
