रायगढ़। डेंगू की मार से जूझ रहे रायगढ़ के लिए बुरी खबर है कि पुरानी बस्ती में संचालित गल्र्स स्कूल खुद बीमार होकर डेंगू की चपेट में है। हैरत की बात तो यह है कि यहां पढ़ाने वाली 1 महिला सहित 7 टीचर्स डेंगू के कहर से पीडि़त हैं तो दर्जनभर छात्राएं भी इस बीमारी से बच नहीं सकीं और वे डेंगू पॉजिटिव हैं। पुत्री शाला में डेंगू ब्लास्ट होने से इलाके के लोग दहशतजदा हैं। शहर के पैलेस रोड स्थित सरकारी कन्या स्कूल में पढऩे वाली बेटियां इन दिनों सुरक्षित नहीं हैं। दरअसल, डेंगू के डंक ने पुत्री शाला को हिलाकर रख दिया है। जिस गल्र्स स्कूल में हफ्तेभर पहले काफी संख्या में छात्राएं पढऩे के लिए जाती थीं, अब वहां अपेक्षाकृत तादाद कम है। इसका कारण है वहां डेंगू का प्रकोप। पुरानी बस्ती के अधिकतर वार्डों में डेंगू ने तो घर कर ही लिया है, मगर अब शिक्षा के मन्दिर में इस बीमारी के कहर बनकर टूटने से हालात बिगडऩे लगा है।
जमीनी हकीकत यह है कि यहां साफ-सफाई के प्रति लोगों की घोर लापरवाही भी नजर आ रही है। पुत्री शाला में पढ़ाने वाली 1 महिला समेत 5 शिक्षकों के अलावे दर्जनभर छात्राएं इन दिनों डेंगू की मार झेल रहे हैं। स्कूल के प्राचार्य विजय तिर्की से संपर्क करने पर खुलासा हुआ कि कुछ रोज पहले 2 शिक्षकों ने डेंगू पॉजिटिव निकलने की पुष्टि होने पर निगम प्रशासन को इसकी सूचना दी गई तो एहतियात के तौर पर वहां फॉगिंग का छिडक़ाव हुआ। इसके बावजूद केवड़ा बाड़ी बस स्टैंड रोड स्थित प्री मैट्रिक बालिका छात्रावास में रहते हुए गल्र्स स्कूल में पढऩे वाली 4 छात्राएं बीते 22 जुलाई से अवकाश पर हैं।
स्कूल परिवार की बंधी घिग्घी
स्कूल परिवार की घिग्घी तब बंध गई, जब पता चला कि उक्त चारो छात्राओं को डेंगू ने जकड़ लिया है। वहीं, 3 शिक्षक 6 अगस्त और दूसरे दिन यानी 7 अगस्त को 2 और टीचर डेंगू के मरीज पाए गए। इस तरह 7 टीचर्स और करीब दर्जनभर छात्राओं के डेंगू पीडि़त होने से पुत्री शाला में हाहाकार मच गया है। ऐसा नहीं है कि डेंगू के खिलाफ लड़ाई में स्कूल स्टाफ हाथ पर हाथ धरे बैठा है, मगर मोर्चा सम्हालने की बजाए निगम प्रशासन पर आश्रित रहने से हालात को ठीक भी नहीं कहा जा सकता।
लोगों की लापरवाही आ रही नजर
पुत्री शाला वार्ड क्रमांक 20 का हिस्सा है। यहां के पार्षद और एमआईसी मेम्बर प्रभात साहू हैं। जानकार बताते हैं कि क्षेत्रीय पार्षद सक्रिय हैं, परन्तु पुत्री शाला के ठीक पीछे यानी जामा मस्जिद से लेकर मुंशी गली, पैलेस रोड, भक्ति गली, सोनार पारा से गांजा चौक रोड के मकान में रहने वाले अधिकतर लापरवाह लोग अपने कचरे को छत में चढक़र पीछे स्कूल परिसर में डालते हुए इतिश्री कर लेते हैं। गुजरे मई माह में पार्षद प्रभात साहू की पहल से गल्र्स स्कूल से 17 ट्रैक्टर मलबा निकाला जा चुका है। कुल मिलाकर कहें तो शाला विकास समिति अपने मद का ईमानदारी से सदुपयोग डेंगू की रोकथाम के लिए करते हुए स्कूल प्रबंधन भी निगम प्रशासन पर आश्रित रहने की बजाए खुद मोर्चा सम्हालते तो ऐसी स्थिति नहीं होती।