धरमजयगढ़। दो अलग अलग इलाकों को जोडऩे वाली सीमावर्ती क्षेत्र अपनी सुरक्षा को लेकर अक्सर शासन प्रशासन के हॉट लिस्ट में शामिल रहती है। लेकिन जब बात वहां की बुनियादी सुविधाओं की आती है तो मंजर कुछ ऐसे नजर आते हैं जिससे यह स्पष्ट हो जाता है कि जिलों के बॉर्डर पर वनांचल एरिया के निवासी बेहद विपरीत परिस्थितियों के बीच जीवन यापन करने को बाध्य हैं। रायगढ़ और सरगुजा जिले के सीमावर्ती क्षेत्र अंतर्गत आने वाले एक गांव की स्थिति भी कुछ इसी तरह है। जहां के ग्रामीण आज भी एक अच्छी सडक़ मार्ग का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि इस मार्ग पर कुछेक यात्री बसें भी चलती हैं जो स्थानीय निवासियों के समीपस्थ मुख्यालय तक पहुंचने का प्रमुख माध्यम है। लेकिन इस सडक़ मार्ग के बड़े हिस्से की जमीनी हकीकत देखकर लगता है कि संभवत: यह पैदल चलने लायक भी नहीं है।
यह पूरा मामला रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ ब्लॉक अंतर्गत आने वाले सबसे बड़े ग्राम पंचायत विजयनगर के ग्राम कण्ड्रजा से सरगुजा जिले के कोटछाल तक जाने वाले सडक़ मार्ग का है, जो कि रायगढ़ और सरगुजा जिले के बॉर्डर पर सुदूर वनांचल एरिया में है। ग्रामीणों से मिली जानकारी के मुताबिक इस मार्ग पर 2 बसें कुमरता से अंबिकापुर तक जाती हैं। ग्रामीण बताते हैं कि इस रोड के खराब होने के कारण मुसाफिरों को बहुत ही परेशानी होती है। ब्लॉक के अंतिम छोर पर स्थित इस गांव के इस सडक़ की बदहाल स्थिति को लेकर जिम्मेदारों द्वारा किसी भी तरह की कवायद किए जाने की बात सामने नहीं आई है। जानकारी के अनुसार इस सडक़ मार्ग का काफी हिस्सा ग्राम पंचायत विजयनगर में आता है। जिसमें हाल ही में एक पुल बनाया गया है लेकिन जर्जर सडक़ मार्ग के सुधार के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं कराई गई। ब्लॉक के सबसे बड़े पंचायत क्षेत्र अंतर्गत आने वाले इस सडक़ मार्ग की बदतर हालत स्थानीय लोगों के लिए फिलहाल परेशानी का सबब बन गई है। इस मामले पर सीईओ जनपद पंचायत धरमजयगढ़ ने बताया कि यह सडक़ पीडब्ल्यूडी विभाग के अधीन है। इसलिए इस मार्ग के सुधार के लिए पंचायत स्तर पर किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं की जा सकी है।
कण्ड्रजा गांव के सडक़ की स्थिति बदहाल, राहगीरों का पैदल चलना भी हुआ मुहाल
सीईओ ने कहा पीडब्ल्यूडी विभाग के अधीन है सडक़
