रायपुर। छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य विभाग में 4 अधिकारी-कर्मचारियों के फर्जी जाति प्रमाण-पत्र का मामला सदन में चर्चा का विषय बना हुआ है। पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक का आरोप है कि इस विभाग में एक अधिकारी ने तीन अलग-अलग जाति के प्रमाण पत्र दिखाकर नियुक्ति से लेकर प्रमोशन तक हासिल किया। इन लोगों पर अब तक कार्रवाई नहीं हुई, बल्कि प्रमोशन मिला। अजय चंद्राकर ने कहा कि, 11वें नंबर के प्रश्न पर मैंने केवल एक विभाग का पूछा है कि जो चार कमर्चारी हैं, उन्हें कब नियुक्ति दी गई? किस जाति के आधार पर इन्हें नियुक्ति दी गई ? किस जाति के आधार पर इन्हें प्रमोशन दिया गया ? पता नहीं चलता छानबीन की बैठकर कब हो रही है।
नियम के खिलाफ किया प्रमोशन
नियुक्ति अनुसूचित जाति जनजाति पर हुई। भर्ती एक जाति पर, प्रमोशन पिछड़ा वर्ग में। एक ही व्यक्ति तीन जाति बता रहा है। जाति प्रमाण पत्र अनुसूचित जाति ईसाई है। नियम यह है कि जिसकी शिकायत है उसे प्रमोशन नहीं दिया जा सकता है। इसके बावजूद उन्हें फर्जी सर्टिफिकेट पर प्रमोशन दिया गया।
यह तो भर्राशाही की हद है। इस पर कार्रवाई होनी चाहिए। प्रदेश में जो उचित लोग उनको उनका अधिकार मिले। इस बार मैंने केवल स्वास्थ्य विभाग का मामला उठाया था। अगली बार सभी विभागों का उठाऊंगा ताकि जो पात्र लोग हैं उनके अधिकारों का हनन न हो सके। सदन में मुझे पता चल रहा है कि, अब तक 18 बार छानबीन कमेटी की बैठक हो चुकी है। इतनी बार बैठकों के बावजूद इसका निराकरण नहीं हो पाया। ये ओरिजिनल ओबीसी एसटी या एससी जो भी हैं, उनके अधिकारों का हनन हो रहा है। इस बार मैंने केवल स्वास्थ्य विभाग का मामला उठाया था। अगली बार सभी विभागों का उठाऊंगा ताकि जो पात्र लोग हैं, उनके अधिकारों का हनन न हो सके। हम यह भी चाहेंगे कि छानबीन समितियां की लगातार बैठकर होती रहे ताकि इस तरह के जितने भी प्रकरण जितने भी विभाग में हो उनके जल्द से जल्द निराकरण हो सके।
कर्मचारी ने विजय झा ने कहा कि, इसी मांग को लेकर हमारे कर्मचारी संगठन के कुछ लोगों ने नग्न प्रदर्शन किया था। उनके प्रदर्शन का तरीका गलत रहा हो. लेकिन उनकी मांग सही थी। तब विपक्ष में रहते हुए भाजपा ने कई दावे किए। कई बातें की लेकिन आज उनकी सरकार है। अब तक इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया है। अजय चंद्राकर आज विधानसभा में सवाल कर रहे हैं जबकि उन्हें एक आदेश जारी करवाना चाहिए कि इस तरह से फर्जी सर्टिफिकेट के साथ जो लोग भी मंत्रालय से लेकर निचले स्तर तक नौकरी कर रहे हैं। उन सभी की सेवाएं समाप्त की जाती हैं। कुल मिलाकर सारी राजनीतिक पार्टियों इन विषयों पर राजनीति कर रही है बस।