रायगढ़। श्रावण मास के शुरूआत होने से पहले ही रेलवे स्टेशन भगवामय नजर आने लगा है। इस साल 22 जुलाई से श्रावण माह की शुरूआत हो रही है। जिसको लेकर अभी से लोग बाबा धाम जाने लगे हैं। इस दौरान बुधवार को रेलवे स्टेशन में पहला जत्था पहुंचा था, जो पहले सोमवार को भोलेबाबा को जलाभिषेक करेंगे।
उल्लेखनीय है कि इस साल श्रावण माह की शुरूआत 22 जुलाई से हो रहा है जो 19 अगस्त तक चलेगा। इसको लेकर शिव भक्तों में अभी से उत्साह दिखने लगा है। ऐसे में बुधवार को पहला जत्थ रेलवे स्टेशन पहुंचा था, इस शिव भक्तों का कहना था कि इस साल श्रावण माह की शुरूआत सोमवार से हो रहा है, जिससे सबसे पहले भोले बाबा को जल अर्पण करना है। जिसके चलते पांच दिन पहले ही घर से निकल गए हैं, ताकि सोमवार को सुबह में पहुंच कर जलाभिषेक कर सके। वहीं शिव भक्तों ने बताया कि श्रावण मास में भगवान शिव की पूजन का विशेष महत्व होता है। श्रद्धालु भोलेनाथ को जलाभिषेक कर मनचाहा वरदान मांगते हैं, जो भोलेनाथ पूरा भी करते हैं। इसी के चलते भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए जिला मुख्यालय सहित आसपास के दर्जनों गांव से कांवडिय़ों का जत्था देवघर के लिए बुधवार को रवाना हुए हैं। हालांकि अभी पांच दिन बाद श्रावण शुरू होगा, लेकिन बाबाधाम का डगर काफी कठीन होने के कारण मिलों दूर पैदल जाना है। जिसके चलते अभी से रेलवे स्टेशन में कांवडिय़ों की भीड़ पहुंचने लगी है। इस दौरान साउथ बिहार एक्सप्रेस स्टेशन पहुंचते ही बोल बम के नारे से स्टेशन गूंज उठा। वहीं कई भक्त राउरकेला के पास स्थित पानपोस के प्रसिद्ध शिव मंदिर में जलाभिषेक करेंगे। हालांकि अब पूरे माह भर रेलवे रेलवे स्टेशन शिवमय नजर आएगा।
क्या है मान्यता
झारखंड के देवघर स्थित बाबा बैजनाथ धाम विश्व प्रसिद्ध मंदिर है। जहां पूरे भारत सहित अन्य देश से भी शिव भक्त पहुंचते हैं। श्रावण मास में यहां हर दिन सैकड़ों श्रद्धालु पहुंचते हैं। जो सुल्तानगंज से जल उठाकर पैदल ही देवघर तक पहुंचते हैं। मान्यता के अनुसार देवघर में पवित्र शिव लिंग है, जिससे त्रेता युग में भगवान श्रीरामचंद्र ने अयोध्या के राजा बनने के बाद सुल्तानगंज से जल भरकर कांवड़ सहित वैजनाथ धाम में जलाभिषेक करने पहुंचे थे। इसके बाद यहीं से कांवड़ सहित जलाभिषेक करने की परंपरा शुरू हुई। साथ ही श्रीलंका के राजा रावण भी कांवड़ लेकर मंदिर गए और शिव की पूजा की। तभी से यह मान्यता चली आ रही है, जिससे हर साल पूरे देश से हजारों शिव भक्त पहुंच कर भोलेनाथ को जल चढ़ाते हैं।
बहुत कठीन है मार्ग
रेलवे स्टेशन पहुंचे कांवडिय़ों ने बताया कि सुल्तानगंज से बैजनाथ धाम का रास्ता बहुत कठीन है, इसकी लंबाई करीब 105 किलोमीटर है। कांवड़ यात्रा के दौरान पूरे रास्ते में मेले जैसा नजरा रहता है। इस दौरान डाक बम का भी जत्था रवाना होता है, कांवडिय़ों को सरकारी और स्थानीय लोगों की मदद से रास्ते में तमाम सुविधाएं मुहैया करायी जाती है। जिससे शिव भक्त आसानी से भोलेनाथ तक पहुंचते हैं।