रायगढ़। जिले के डायल 112 की इमरजेंसी टीम ने स्वास्थ्य कार्यकर्ताओ के साथ मिलकर एक बार फिर से अपनी कर्मठता और निष्ठा पूर्वक ड्यूटी करते हुए बीहड़ इलाक़े में प्रसव वेदना से पीडि़त एक ग्रामीण महिला का सुरक्षित प्रसव कराया। इमरजेंसी टीम के इस साहसिक कार्य की सर्वत्र सराहना की जा रही है। वहीं, जिस तरह से इस मामले में डायल 112 की टीम ने विपरीत परिस्थितियों से जूझते हुए महिला व नवजात शिशु की जान बचाने में कामयाब हुए वह वाकया अब अनुकरणी और प्रेरणादायक कहानियों के इतिहास में जुड़ गया है।
जिले में एक ऐसा सकारात्मक मामला सामने आया है। जिसमें प्रसव पीड़ा से तड़प रही महिला को डायल 112 की टीम ने 3 किलोमीटर तक कांवर के सहारे ढो कर वाहन तक लाया और फिर रास्ते में प्रसव पीड़ा बढऩे पर बीच रास्ते में नाला के किनारे मितानिन और महिला के परिजनों के सहारे महिला का सुरक्षित प्रसव कराया। आपको बता दे यह पूरी घटना कापू क्षेत्र का है। जहां की डायल 112 की टीम को इवेंट मिला की लैलूंगा डुगरू इलाके के घुटरू पारा पहाड़ के ऊपर एक गर्भवती महिला सुष्मिता उम्र 28 वर्ष प्रसव पीड़ा में तड़प रही है। जिसके बाद बिना समय गंवाए डायल 112 के आरक्षक विपिन किशोर खलखो एवं चालक छोटू दास महंत मौके के लिए रवाना हुए। लेकिन लगभग तीन किलोमीटर तक दुर्गम पहाड़ के ऊपर वाहन नही जा सकी। तो डायल 112 की टीम पहाड़ के नीचे वाहन को खड़ा करके पैदल गए और कांवर की सहायता से महिला को वाहन तक लेकर आए। जिसके बाद नजदीकी अस्पताल के लिए रवाना हुए। इसी बीच महिला का रास्ते में प्रसव पीड़ा बढऩे से वाहन रोककर मितानिन और परिजनों के सहायता से महिला का प्रसव कराया तत्पश्चात महिला को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र जमरगा लाया गया, जहां जच्चा और बच्चा दोनो सुरक्षित हैं।
प्रसुता को पुलिस ने कांवड में उठाकर पहुंचाया राइनो तक
प्रेरक प्रसंगों के इतिहास में जुड़ा नया वाक्या, महिला ने दिया नवजात को जन्म
