रायपुर। छत्तीसगढ़ के रायपुर में निजी बैंक का मैनेजर 44 लाख रुपए ठगी का शिकार हो गया। ठग ने फायदे के 500 रुपए भेजकर उससे किस्तों में पैसे ऐंठ लिए। इस दौरान मैनेजर के वर्चुअल अकाउंट में लगातार लाखों रुपए फायदा दिखता रहा। बैंककर्मी ने पैसे अपने दोस्तों-रिश्तेदारों से उधार लिए थे। मामला राजेंद्र नगर थाना क्षेत्र का है। पीडि़त संजय वर्मा ने अपनी शिकायत में बताया कि, वो निजी बैंक में एरिया मैनेजर के पद पर पदस्थ है। 2 मई 2024 को उसे एक वॉट्सऐप ग्रुप पर जोड़ा गया। जहां ऑनलाइन सर्वे के लिए लाइक करने को कहा गया। ग्रुप में पहले से 100 से ज्यादा लोग जुड़े थे। कुछ दिनों बाद उन्हें शेयर ट्रेडिंग और आईपीओ का फायदा बताते हुए आईडी बनवाया गया।
संजय ने ठग को आईडी बनाने की एवज में उसके कहे मुताबिक, 40 हजार रुपये भेज दिए। लेकिन उसे ठगी का शक हुआ तो उसने 500 रुपए अपने बैंक खाते में निकाल लिए। ठग ने विश्वास हासिल करने के लिए बड़ी चालाकी से पैसे भी भेज दिए। इसके बाद ठगी का सिलसिला आगे बढ़ा, जो करीब एक महीने तक चला।
दोस्तों और रिश्तेदारों से लिए लाखों उधार
पीडि़त को अपने वर्चुअल अकाउंट में मार्केट सेंसेक्स के मुताबिक रुपए घटते-बढ़ते दिख रहे थे। इस बीच उन्होंने दोस्तों और रिश्तेदारों से उधार देकर 10 लाख 45 हजार, फिर 18 लाख 40 हजार जैसी बड़ी रकम उधार में लेकर ठग को दिए। ठग लगातार पेनाल्टी, फीस, टैक्स जैसे अलग-अलग बहानों से पैसों की डिमांड करता रहा। पीडि़त ने किश्तों में 44 लाख रुपए भेज दिए।
पैसे निकालने के लिए और पैसे मांगे
इस दौरान पीडि़त के वर्चुअल अकाउंट में 68 लाख रुपए लाभ के तौर पर दिखाते रहे। लेकिन, पीडि़त ने रुपए निकालने की कोशिश की तो ठग ने और पैसों के डिमांड कर दी। जिसके बाद पूरा मामला राजेंद्र नगर थाना पहुंचा। इस मामले में राजेंद्र नगर पुलिस एफआईआर दर्ज कर ठग की तलाश में जुट गई है।