रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय रविवार को हादसों में अपने पैर गंवा चुके बच्चों से मुलाकात की। सीएम ने पूछा कि बेटा आप लोग ठीक हो। बच्चों ने कहा कि अंकल अब हम चल पाएंगे। दरअसल, रायपुर के दादाबाड़ी में नारायण सेवा संस्थान ने शिविर का आयोजन किया। जहां नि:शुल्क नारायण लिम्ब और कैलिपर्स फिटमेंट (कृत्रिम अंग लगाने) का काम किया गया। इस शिविर में रायपुर और कई जिलों से आए 750 से ज्यादा दिव्यांगों को अपर-लोवर लिंब और केलिपर्स लगाया गया। इस कार्यक्रम में बच्चों और युवाओं के चेहरे पर कृत्रिम अंग मिलने की खुशी थी। दुर्घटना में अपने हाथ-पैर गंवाने से चलने-फिरने में असमर्थ हो चुके लोगों में जिंदगी को फिर से बेहतर ढंग से शुरू करने की आस दिखी।
सीएम ने संस्था का जताया आभार
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि, राजस्थान से चलकर छत्तीसगढ़ के दिव्यांगों की मदद के लिए आगे आए इस संस्थान की भावना का मैं हार्दिक अभिनंदन करता हूं। उन्होंने संस्थान के संस्थापक कैलाश मानव और अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल का इस भव्य मानव यज्ञ के लिए आभार प्रकट किया। राज्य सरकार की ओर से संस्थान को दिव्यांगों के लिए हर संभव मदद का भरोसा दिलाया।
7 अप्रैल को भी लगा था कैंप
इस कार्यक्रम की शुरुआत में सभी अतिथियों का मेवाड़ी परंपरा से सत्कार किया गया। संस्थान से इससे पहले रायपुर में 7 अप्रैल को रायपुर में कैंप लगाया था। सभी लोगों के नाप लिए गए थे। इसके बाद रविवार को सभी लोगों को अंग दिए गए। नारायण सेवा संस्था के अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ने संकल्प रखा है कि वे आने वाले दिनों में छत्तीसगढ़ के दिव्यांगों को लाभान्वित करने के लिए रायपुर में केंद्र संचालित करना चाहते हैं। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि नारायण सेवा संस्थान द्वारा केंद्र स्थापना के लिए उन्हें हर संभव मदद दी जाएगी।
एक्सपर्ट्स ने डिजाइन किए हैं लिम्ब
संस्थान ट्रस्टी देवेंद्र चौबिसा ने बताया कि, शिविर में 750 में से 315 लोवर लिंब, 120 अपर लिंब, 80 मल्टिपल लिंब और 280 केलिपर्स लगाए गए। 80 लोगों की टीम ने सेवा दी है। इन्हें चिकित्सकों और एक्सपर्ट डिजाइनर्स के साथ बनाया गया।