रायगढ़। मेडिकल कालेज अस्पताल में उपचार के दौरान मरीज की मौत होती है तो समय से तहरीर नहीं पहुंचने के कारण मृतक के परिजनों को 24 घ्ंाटा से अधिक समय तक इंतजार करना पड़ रहा है। जिससे काफी समस्या का सामाना करना पड़ रहा है।
उल्लेखनीय है कि जिला में मेडिकल कालेज अस्पताल संचालित होने के बाद रायगढ़ सहित आसपास के लोग यह सोच कर यहां उपचार के लिए पहुंचते हैं कि मरीज को सारी सुविधाएं मुहैया होगी और बेहतर उपचार होगा, लेकिन यहां आने के बाद अव्यवस्थाओं के चलते मरीज तो परेशान होते ही हैं, साथ ही उनके साथ आने वाले परिजन भी परेशान हो रहे हैं। साथ ही अगर उपचार के दौरान किसी मरीज की मौत होती है तो अस्पताल से शव को मरच्यूरी में भेजने में घंटाभर समय लग जाता है, लेकिन इसके बाद भी अस्पताल द्वारा समय तहरीर नहीं भेजा जा रहा है, जिसके चलते मृतक के परिजनों को दूसरे दिन तक शव लेने के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। साथ ही इस समस्या को लेकर कई बार अस्पताल में विवाद की भी स्थिति बन जा रही है, लेकिन इसके बाद भी न तो अस्पताल प्रबंधन ध्यान दे रहा है और न ही यहां के कर्मचारी, जिससे काफी दिक्कतें हो रही है। वहीं देखा जाए तो मेडिकल कालेज अस्पताल में उपचार के दौरान हर दिन करीब दो से तीन लोगों की उपचार के दौरान मौत होती है, तो वहीं कोई अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ देता है, लेकिन तहरीर के अभाव में मृतक के परिजन या तो पूरी रात अस्पताल के दहलीज पर व्यतित करते हैं, या शव को मरच्यूरी में छोडकऱ अपने घर चले जाते हैं, जिससे दूसरे दिन भी धीमी गति से काम होने के कारण शाम तक अंतिम संस्कार हो पाता है। जिससे काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
शव खराब होने का रहता है भय
उल्लेखनीय है कि जिला अस्पताल के मरच्यूरी में चार शव रखने के लिए फ्रीजर की व्यवस्था है, लेकिन यहां का बड़ा फ्रीजर महिनों से खराब होने के कारण यहां दो शव ही फ्रीजर में रखा पाता है, बाकी के शव को बाहर रखना पड़ता है। ऐसे में पोस्टमार्टम दूसरे दिन होने से शव खराब होने का चिंता सताते रहता है। हालांकि इसकी जानकारी मेकाहारा प्रबंधन को भी पता है, लेकिन इसके बाद भी समय से तहरीर थाना तक नहीं भेजा जाता, जिसके चलते मृतक के परिजनों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
मेकाहारा की लापरवाही से 24 घंटे बाद हो रहा पोस्टमार्टम
अस्पताल में मौत होने के बाद परिजनों की बढ़ रही मुशीबत
