सारंगढ़। यह मामला सेवा सहकारी समिति कोसीर का है, जो हमेशा सुर्खियों मे रहा है, मामला चाहे धान सार्टेज की हो? चाहे फर्जी रकबा से किसानों के नाम पर फर्जी पंजीयन हो? किसानो के नाम पर फर्जी ऋ ण चढ़ाने की बात हो? इसी कड़ी में 3 जून को ग्राम रक्शा से चार किसान महासिंह भारद्वाज, चतुरसिंह भारद्वाज, नथेलाल भारद्वाज व चैतराम साहू तथा ग्राम सिलयारी से कन्हैया साहू के द्वारा कलेक्टर से गुहार लगाई की हम लोगो ने किसी भी प्रकार का ऋण नहीं लिया है? चाहे वह धान बीज, खाद या केसीसी ऋ ण हो यह बात उक्त किसानों को तब पता चला जब सामने में खरीफ फसल की खेती करनी है। इस बाबत की जानकारी केसीसी ऋ ण लेने हेतू जब अपैक्स बैंक सारंगढ़ गयें। कलेक्टर के द्वारा समाचार पत्रों में दी गई जानकारी के आधार पर जब किसान बैंक गयें तब शाखा प्रबंधक को किसानों ने केसीसी ऋ ण लेने की बात बोले इतने में शाखा प्रबंधक किसानों को केसीसी ऋ ण देने की बजाय तुहारे नाम से कर्जा है करके नोटिस थमा दिये। किसान हतप्रभ रह गये? उन्हें कुछ समझ नहीं आया और हताश होकर के कलेक्टर को अपना दुखड़ा सुनाये जिस पर कलेक्टर ने दोषियों के ऊपर तत्काल कार्यवाही करने का अश्वासन दिया।
विदित हो कि उपरोक्त किसानो के समस्या के प्रति कलेक्टर क्या कार्यवाही करते है और दोषी व्यक्ति कब तक किसानों के आँख मे धुल झोकते रहेंगे या इनके ऊपर कार्यवाही होंगी? पता नहीं कितने किसानों के नाम पर कर्जा चढ़ाकर निकाला गया होगा? जिससे किसान अनजान है ध्यान देने एवं विचारणीय प्रश्न यह है कि बैंक उपभोक्ता से जब तक दो या तीन बार हस्ताक्षर नहीं करवाता तब तक उनको भुगतान नहीं करता? ऐसे में इन किसानों का हस्ताक्षर कर किसने राशि आहरण किया होगा? जो बैंक से संलिप्त होना प्रतीत होता है? क्या ऐसे ही किसान फर्जी कर्जा से परेशान होता रहेगा? या दोषियो के ऊपर एफआईआर दर्ज होगा? क्या दोषियों के ऊपर राजनीतीक छत्र-छाया है या बड़़े राजनीतिक नेता ही इस मामले में संलिप्त है।
कोसीर में फर्जी ऋण का मामला भी अब आया सामने
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