सारंगढ़-बिलाईगढ़। सारंगढ़ के नजदीक ग्राम पंचायत गोडिहारी के खेत में मंगलवार 21 मई को पत्थर की मूर्ति मिली। कलेक्टर श्री धर्मेश कुमार साहू के निर्देश पर तहसीलदार पूनम तिवारी ने अधीनस्थ पटवारी और ग्रामीणों की उपस्थिति में बुधवार को मूर्ति प्राप्ति स्थल पर पंचनामा तैयार किया है। कलेक्टर श्री साहू ने जिले में पत्थर की मूर्ति प्राप्ति के संबंध में पुरातत्व विभाग रायपुर को पत्र लिखा है। उल्लेखनीय है कि भूमिस्वामी द्वारा दो माह पूर्व खेत की जोताई ट्रेक्टर से करवाने पर यह शिला में बनी मूर्ति ट्रेक्टर के हल में फंसकर बाहर निकल गया, जिसे मेड़ के एक किनारे में किया गया था। 21 मई मंगलवार को स्थानीय ग्रामीणों ने इस शिला को पलटकर देखा तो मूर्ति नजर आया और यह खबर सारंगढ़ अंचल सहित देश प्रदेश में फैल गया।
जनश्रुति अनुसार बाबा भैरों की पत्नी मां हर मैया की है मूर्ति
गांव वालों ने भी माता की चुनरी को ओढ़ाया है और मूर्ति के संबंध में जनश्रुति से जानकारी मिली है कि मूर्ति के मध्य में स्थित आकृति बाबा भैरों की पत्नी मां हर मैया की है। इसके साथ में महिला और पुरुष दाएं बाएं हैं, वो उनके सेवक हैं। मां हर मैया का स्थान मंदिर आदि किसी राज्य, गांव आदि की सीमा पर होता है। राजा द्वारा इनको बलि दिया जाता था। साथ ही रानी इनकी सेवा गीत गाती थी।
निकली पुरातन मूर्ति लोगों का लग रहा जमावड़ा
सारंगढ। ग्राम गोडिहारी में प्राप्त मूर्ति के संबंध में एक प्रत्यक्षदर्शी ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि ऐसी मूर्ति उसने झारखंड के गांवों में देखी थी, जिसे वहां के लोग टांगी भगवान या कुल देवी देवता के रूप में पूजा करते हैं, जिस देव के दर्शन हेतु भारी भीड लगती थी।बहरहाल यह मूर्ति गोडिहारी में कहां से आई? यह अभी भी रहस्य बना हुआ है।जिस के संबंध में कलेक्ट्रेट से प्राप्त जानकारी अनुसार इस मूर्ति को विधिवत कब्जे में लेकर इसके संबंध में रायपुर संबंधित विभाग को सूचित किया जा रहा है, जहां से टीम के आने के बाद यह पता लग, सकेगा कि यह मूर्ति वास्तव में किसकी है? कुछ का मानना है कि यह ग्राम देवता ठाकुर देव की मूर्ति है। यह तो तय है कि यह मूर्ति प्राचीन है। पुरातत्व विभाग की मूर्ति के विषय में कुछ बता पाएगा।