जशपुर नगर। पद्मश्री सम्मानित यादव कुलशिरोमणि जगेश्वर राम यादव को उनके पद्श्री सम्मान के उपलक्ष्य में विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी बगीचा एम.आर. यादव ने सपरिवार उनके निज निवास ग्राम भितघरा विकास जाकर उनको बधाई देकर सौजन्य मुलाकात की। इस अवसर पर खण्ड शिक्षा अधिकारी एम.आर. यादव एवं पद्श्री जगेश्वर राम यादव के बीच काफी लंबी वार्ता हुई। मूलत: जिला जशपुर (छ.ग.) के वनांचल में अवस्थित ग्राम भितघरा के मूल निवासी जगेश्वर राम यादव का बचपन अत्यंत चुनौतीपूर्ण परिस्थति में व्यतीत हुआ है। वे बचपन से ही विशेष पिछड़ी जनजाति बिरहोर आदिवासियों के दुस्कर जीवन के साक्षी रहे हैं। वे बचपन से ही इन विशेष पिछड़े आदिवासियों के उत्थान और समाज के मुख्य धारा में जोडऩे के लिये दढ़ निश्चय कर लिये थे। श्री यादव स्वयं अपने घरेलू आर्थिक परिस्थति की परवाह ना करते हुए आदिवासियों के जीवन संवारने के लिये निकल पड़े। पद्मश्री जगेश्वर राम यादव अत्यंत पिछड़े दुर्गम आदिवासी क्षेत्रों में जाकर उन्हें शिक्षा स्वास्थ्य और स्वच्छता के प्रति लगातार जागरूक करते रहे। जगेश्वर राम विगत 40 वर्षों से बिरहोर आदिवासियों को समाज की मुख्य धारा में जोडऩे के लिये अनवरत कार्यरत हैं। उनकी सामाजिक कुरितियों और बुराईयों के उन्मूलन के लिए इनके द्वारा अथक प्रयास किया जा रहा है। इसीलिये इनको अंचल में ‘‘बिरहोर भाई’’ नाम से जाना जाता है। अपने पुनीत कार्य के लिये उन्हे घने जंगलों में मीलों नंगे पैर पैदल चलना पड़ता था, अपने घर से दूर जहां कहीं भी रात बिताना पड़ता था। किन्तु वे हार नहीं माने और अपना सारा जीवन विशेष पिछड़ी आदिवासियों के उत्थान के लिये समर्पित कर दिये। जगेश्वर राम यादव आज 65 वर्ष के हो चुके हैं किन्तु आदिवासियों के प्रति सेवा व समर्पण के लिए उनके मन रत्ती भर भी कमी नहीं आयी है और वे आज भी दुगनी ऊर्जा व उत्साह के साथ अपने अभियान को आगे बढ़ा रहे हैं।
पद्मश्री जगेश्वर राम यादव खण्ड शिक्षा अधिकारी एम.आर. यादव के सम्पर्क में लगातार रहे। प्रधानमंत्री जनमन योजना के अंतर्गत शासन द्वारा विशेष पिछड़ी जनजाति को शासन के समस्त योजनाओं का शत् प्रतिशत लाभ देने का अभियान चलाया गया था। चूंकि बगीचा और सन्ना क्षेत्र अत्यंत बीहड़ वनक्षेत्रों से घिरा हुआ है इसलिए शासकीय अमले को सर्वे कार्य करने हेतु अत्यंत कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा था। ऐसी परिस्थिति में विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी एम.आर. यादव के निवेदन पर जगेश्वर राम यादव का सहयोग सराहनीय रहा। वे घने जंगलों में स्वयं जाकर विशेष पिछड़ी आदिवासियों को शिविरों में आकर अपने समस्याओं को अधिकारियों एवं शिविर प्रभारियों के समक्ष रखने के लिए प्रोत्साहित किये। कोरोना काल में भी जगेश्वर राम यादव का योगदान अत्यंत सराहनीय रहा। इन्होंने दुर्गम क्षेत्रों में जाकर वहां के आदिवासियों को कोरोना वैक्सीनेशन के लिए प्रोत्साहित किये। आदिवासियों के जीवन उत्थान हेतु इनके समर्पण की भावना को देखते हुए इनको सन् 2015 में वीर नारायण सिंह पुरूस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। जगेश्वर राम यादव का पूरा जीवन समाज सेवा व परोपकर के लिए समर्पित है। विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी बगीचा एम.आर. यादव ने पद्श्री जगेश्वर राम यादव के जीवन को प्रेरणादायी अनुकरणीय बताया।