सारंगढ़-बिलाईगढ़। छग सरकार गिरते जल स्तर को लेकर भले ही चिंतित हो, लेकिन स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी निस्तारी तालाबो पर हो रहे अवैध कब्जों को नहीं रोक पा रहे हैं। पवनीं नगर वासियों ने सामुहिक लिखित इसकी शिकायत सारंगढ -बिलाईगढ़ जिला कलेक्टर धर्मेंद्र साहू से की है लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं पा पाया है। और कार्यवाही नही होने से भूमाफियों अवैध कब्जा धारियों के हौसले बुलंद होते जा रहे है। पवनीं नगरवासियों ने बताया कि खेमलाल साहू जो कि शासकीय कर्मचारी होने के बाद भी निस्तारी दर्री तालाब पर अवैध कब्जा किया है वही वर्तमान में निस्तारी दर्री तालाब को सैकड़ो ट्रेक्टर मुरुम डलवा कर तालाब को पटाने का काम किया जा रहा है। ऐसे ही कई वषों से इसका अवैध कब्जा करना धंधा बन गया है,अवैध कब्जा कर बेचने का काम विगत 15 वषों से किया जा रहा है। आज भी अवैध कब्जा करने का सिलसिला निरंतर जारी है। आपको बता दे कि नगर के जनप्रतिनिधियों ने पटवारी व बिलाईगढ़ अधिकारी को अवगत कराया गया लेकिन अवैध कब्जे को रोकने के लिए अधिकारी भी प्रयास नहीं कर रहे हैं। बिलाईगढ़ प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही के कारण कब्जेदार के हौसले बुलंद हैं। लापरवाही का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है। की दिनोदिन निस्तारी तालाब को मुरुम से पाट कर अवैध कब्जा किया जा रहा है। कही न कही इस मामले में स्थानीय अधिकारियों व पटवारी,नगर पंचायत अध्यक्ष के साठगांठ होने की चर्चा नगर में बनी हुई है।
जिला कलेक्टर धर्मेंद्र साहू को लिखित अवगत करा दिया गया है यह सोचनी वाली बात है आखिर क्या वजह की इस भूमाफियों पर अंकुश नही लगा पा रहे है सोचनी वाली बात है इस पर कार्रवाई नहीं होने से निस्तारी दर्री तालाब पर अवैध कब्जा जारी है। लोगो को तालाब का महत्व शायद अभी नजर नहीं आ रहा है। लेकिन जब पीने तक के लिए पानी नहीं मिलेगा। उस दिन लोगों को तालाबों की याद आएगी। कुछ लोग निजी स्वार्थ के चलते तालाब पर कब्जा रहे हैं। निस्तारी तालाब के किनारे पर पहले अस्थाई अतिक्रमण किया गया और फिर कुछ साल बाद इस जमीन को अपनी बताते हुए तालाब को मुरुम डलवा कर पाटने का काम कर रहे है। तालाब का क्षेत्रफल हर दिन घटता ही जा रहा है। कई बार शिकायत की, लेकिन तालाब से अवैध कब्जा नहीं हटवाया गया है।