पन्ना। पवित्र नगरी पन्ना के विश्व प्रसिद्ध महामती प्राणनाथ जी मंदिर में सोमवार को पूरे दिन होली के कार्यक्रम चलते रहे जिसमें फाग गायन कर अपने पिया को रहते हुए सैकड़ो श्रद्धालु होली के रंग में रंगे दिखे। चांदी की पिचकारी से केसर के रंग आमिर गुलाल और फूलों की पंखुडिय़ां से भीगे रहे श्रद्धालु। प्रणामी धर्म का आस्था का केंद्र धाम पन्ना के श्री प्राणनाथ जी मंदिर में वैसे तो प्रत्येक त्योहर बड़े ही उत्साह और धूमधाम से मनाया जाते हैं। इन त्योहारों में शिरकत करने जहां देश के कोने कोने से लोग आते हैं तो वहीं विदेश से भी एनआरआई यहां के त्योहरों का आनंद लेने आते हैं। इस मंदिर में अनेक भाषाओं और वेशभूषा के लोग जब हजारों की संख्या में एकत्रित होते हैं, ये सभी एक ही रंग में रंगे दिखते हैं ऐसा दृश्य शायद ही कहीं और देखने को मिलता हो। प्राणनाथ जी मंदिर में होली का त्यौहार मथुरा, वृंदावन की तर्ज पर मनाया जाता है।
केसर व फूल के रंग, शुद्ध गुलाल, फूलों की पंखुडिय़ां से सराबोर रहते हैं श्रद्धालु
पन्ना शहर में एक मंदिर ऐसा भी है जहां सुंगधित फूलों व केशर के रंग से होली खेली जाती है। मंदिर की इस अनूठी होली का आनंद लेने देश के कोने-कोने से लोग यहां आते हैं और यहां की होली के रंग में सराबोर होते हैं। पन्ना के श्री प्राणनाथ जी मंदिर में होली का त्यौहार मथुरा, वृंदावन की तर्ज पर मनाया जाता है। हजारों की संख्या में देश के कोने-कोने से लोग आकर पूरी श्रद्धाभाव से त्योहार मनाते हैं। यहां केमिकल युक्त रंगों का प्रयोग नहीं होता सिर्फ फूल के रंग के साथ-साथ शुद्ध गुलाल जिसमें किसी प्रकार का केमिकल नहीं होता उसी का उपयोग किया जाता है। सभी एक ही रंग में रंग जाते हैं, जहां अपने-पराये का कोई भेदभाव नहीं रहता।
दिन भर चला फागोंं का गायन
महामती प्राणनाथ जी मंदिर की बात की जाएं तो होलिकादहन के एक दिन पूर्व ही फागों के स्वरलहरी में सुंदरसाथ आत्मविभोर होकर अपने धाम धनी को मनाते हैं। होली जलने के दूसरे दिन दोपहर 12 से फागों का गायन शुरू होता है, जिसमें महिला पुरुष बच्चे सभी शामिल रहते हैं। शाम 4 बजे से माहौल बदलता है और वहां उपस्थित हजारों श्रद्धालु श्री जी के रंग में रंगने लगते हैं। यहां चांदी की पिचकारी में रंग भरकर सभी श्रद्धालु सुंदरसाथ को केसर मिश्रित सुगंधित रंगों के साथ- साथ फूलों की पंखुडिय़ों की बरसात कर सराबोर कर देते हैं। यह अनूठी होली शाम 6 बजे तक चलती रहती है। इसके बाद पुन: रात्रि 10 से फागों के स्वरलहरी गायन शुरू होता है जो पूरी रात चलता है।
देश के कई प्रदेशों व विदेशो से पहुंचे श्रद्धालु
श्री पद्मावतीपुरी धाम पन्ना में जो कि प्रणामी सम्प्रदाय का प्रमुख तीर्थ स्थल है, यहां प्रत्येक त्यौहार में हजारों की संख्या में श्रद्धालु देश के कोने-कोने से आते हैं। होली के त्योहार में भी देश के कोने-कोने से श्रद्धालुओं का जमावड़ा पन्ना में विगत एक सप्ताह से शुरू हो गया था। मथुरा-वृन्दावन की तरह यहां होली का त्योहार बड़े ही उत्साह पूर्वक मनाया जाता है। इस मंदिर में जहां केशर के रंग और गुलाल उड़ती है, तो वहीं फूलों की पंखुड़?ियों की वर्षा सभी सुंदरसाथ का मन मोह लेती है। इस बार श्री प्राणनाथ जी मंदिर में होली के उत्सव में शामिल होने गुजरात, पंजाब, महाराष्ट, उत्तर प्रदेश, राजस्थान सहित नेपाल व अमेरिका से भी श्रद्धालुगण पहुंचे हैं।