रायगढ़। कांग्रेस पार्टी के कट्टर समर्थक व खरसिया विधानसभा के वरिष्ट आदिवासी किसान नेता भोजसिंह राठिया (कुनकुनी खरसिया) नें कांग्रेस की ओर से रायगढ़ लोकसभा सीट के लिए प्रबल दावेदारी ठोक दी है। खरसिया विधान सभा में कांग्रेस का झंड़ा हमेशा लहराता रहे इस बात पर भोजसिंह राठिया ने सदैव पार्टी की निष्ठापूर्णक कार्य करते हुए आदिवासी समाज का नेतृत्व व समाजिक और धार्मिक कार्यों मे हमेशा सक्रिय रहते हैं।
सादगी पूर्वक जीवन जीने वाले, मृदुभाषी, लोकप्रिय आदिवासी किसान नेता, बच्चे, जवान व बुजुर्ग से भी सरल व विनम्रता पूर्वक बातचीत करने वाले भोजसिंह राठिया धोती व कुर्ता की पहनावा से पुरानी परंम्परा को आज भी कायम किए हुए है। भोगसिंह राठिया ने स्व. श्रीमति इन्दिरा गांधी जी की समय से युवा कांग्रेस की राजनिति व युवावस्था में ही अपने गांव से सरपंच बनकर राजनिति की शुरूवात की है। भोजसिंह राठिया की दावेदारी की चर्चा रायगढ़ लोकसभा में बना हुआ है। और सभी जगह से शुभचिंतकों का लगातार फोन भोजसिंह राठिया के पास आ रहे है। खरसिया विधानसभा से कभी भी रायगढ़ लोकसभा के लिए प्रत्याशी नही बनाया गया है। लेकिन भोजसिंह राठिया का नाम प्रबल दावेदारी में आने से सभी कार्यकर्ता व ग्रामीणों में उत्साह का माहौल बना हुआ है और सभी भोजसिंह के नाम के ऐलान इंतजार कर रहे हैं। भोजसिंह राठिया को यदि कांग्रेस पार्टी चुनाव मैदान मे उतारती है, तो रायगढ़ से कांग्रेस का सांसद चुने जाने का रास्ता निकल सकता है।
भोजसिंह को टिकट मिला तो होगा रोचक मुकाबला
रायगढ़ लोकसभा से यदि कांग्रेस पार्टी नें भोजसिंह को चुनाव मैदान में मौका देती है। तो इस बार का चुनाव काफी रोचक हो जाएगा। भोजसिंह राठिया एक कुशल रणनीति व दांव पेंच की राजनिति को भली भांति समझ रखते है। भोजसिंह राठिया के रिश्तेदार खरसिया विधानसभा, लैलूंगा, धर्मजयगढ़, पत्थलगांव, कुनकुरी तक फैले हुए। जो सभी चुनावी तैयारी के साथ भोजसिंह राठिया के नामों का ऐलान होने का इंतजार कर रहे हैं।
नंदकुमार पटेल व भोजसिंह राठिया एक साथ करते थे सरपंची
शहीद नंदकुमार पटेल व भोजसिंह राठिया सन 1985 में सरपंच बने थे। उस समय नंदकुमार पटेल रायगढ़ में ठेकेदारी का काम करते थे। उसी समय से ही दोनों में दोस्ती हो गई थी और खरसिया उपचुनाव के समय दोनों नें कांग्रेस पार्टी के लिए काम किया। खरसिया से जब नंदकुमार पटेल विधायक का चुनाव लड़े तो नंदकुमार पटेल अपने मोटरसाइकिल से भोजसिंह राठिया से मिलने कुनकुनी आते थे। उस समय भोजसिंह राठिया नें नंदकुमार पटेल को साफ कह दिए थे कि आपको कुनकुनी व आस पास के गांवों में ज्यादा आना नहीं पड़ेगा। यहां नंदकुमार पटेल नहीं भोजसिंह राठिया चुनाव लड़ रहा है। हर हाल में कांग्रेस का ही लीड़ होगा। और परिणाम में वही हुआ नंदकुमार पटेल विधायक बनें।
अर्जुनसिंह, दिग्विजयसिंह व अजितजोगी भी कर चुके हैं प्रशंसा
बात खरसिया विधानसभा के उपचुनाव की है। जब खरसिया में तत्कालिक मुख्यमंत्री अर्जुनसिंह ने खरसिया विधानसभा से उपचुनाव लड़े थे। उस समय कट्टर कांग्रेसी कार्यकर्ता के रूप में भोजसिंह का नाम प्रमुखता से रहता था। भोजसिंह राठिया ने विषम परिस्थिति में भी अपने गांव व आसपास के गांवों से कांग्रेस को लीड़ दिलाए थे। अर्जुन सिंह के मुख्यमंत्री बनने के बाद भोपाल दरबार में भोजसिंह राठिया को नाम चलता था। अविभाजित मप्र. में मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के समय 1998 में धरमजयगढ़ (रायगढ़) के परियोजना प्रतिनिधि के रूप में कार्य कर चुके हैं। सन 1998 में जब रायगढ़ लोकसभा से कांग्रेस की ओर से अजित जोगी ने चुनाव लड़ा था। उस समय भी भोजसिंह राठिया नें अपने क्षेत्र से कांग्रेस को लीड़ दिलाए थे। छत्तीसगढ़ राज्य गठन के प्रथम मुख्यमंत्री कांग्रेस के अजित जोगी के समय खरसिया के आदिवासी बहुल्य बरगढ़ खोला में अजित जोगी का भव्य कार्यक्रम हुआ था। जिसमें भोजसिंह राठिया ने कार्यक्रम कराने में विशेष भूमिका निभाई थी। अजित जोगी ने भरे मंच पर भोजसिंह राठिया के नाम को अपने विशेष राजनितिक सहयोगी के रूप में बताए थे।