कोटानपानी ग्राम के सभी घरों में छिंद कांसा की आकर्षक टोकनी एवं अन्य वस्तुएं बनाई जाती है
जशपुरनगर। छत्तीसगढ़ के आदिवासी बाहुल्य जिला जशपुर के कांसाबेल विकास खण्ड में महिलाओं का जीवन बदल दिया है जहां वर्ष 2020 तक 08-10 महिलायें छिंद व कांसा से टोकरी बनाकर आसपास के स्थानीय बाजार में बेचा जाता था और आज छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड के रोजगारन्मुखी प्रशिक्षण एवं अन्य योजनाओं के माध्यम से उक्त ग्राम के सभी घरों में (90 से अधिक) छिंद कांसा की टोकनी एवं अन्य आकर्षक वस्तुयें बनाई जा रही हैं। जशपुर जिले का यह एक ऐसा गांव है जो प्रदेश में महिला शसक्तीकरण का उदाहरण बन गया है। विदित हो कि हस्तशिल्प विकास बोर्ड के रोजगार मूलक प्रशिक्षण से कोटानपानी में 40, शब्दमुण्डा में 20 महिलाओं को प्रशिक्षित किया गया है, एवं इनके उत्पादों को राज्य के विभिन्न मेला एवं प्रदर्शनीयों में बेचा जाता है और महिलाएं इस कार्य से एक अच्छा आय अर्जित कर रही हैं, इस कार्य के विस्तार के लिये बोर्ड के माध्यम से लगातार प्रयास किया जा रहा है, वर्तमान में विभाग द्वारा 35 महिलाओं को ग्राम लपई (सेमरकछार) में रोजगार मूलक प्रशिक्षण दिया जा रहा है।