रायगढ़। धर्म और संस्कार भारतीय सभ्यता की प्राथमिकताओं में है इसी क्रम में वेद-पुराणों,भागवत कथा, रामायण कथा,आदि का प्रवचन ग्रामों में हमेशा आहूत होता है।जिसमें स्थानीय और भक्तजन इन प्रवचनों से अपने जीवन के आधार को तैयार करते हैं करने के साथ संस्कारों में इसके बहुमूल्यता से शामिल करते हैं।
रायगढ़ के पूर्वांचल के ऐतिहासिक ग्राम बनौरा जहां तपश्वी और अघौर संत परम पूज्य प्रियदर्शी बाबा जी ने अपने प्रथम आश्रम की स्थापना की और इस ग्राम के अंतर्गत यहां के महिलाओं द्वारा आयोजित जगन्नाथ दास रचित उडिय़ा श्रीमद् भागवत में महापुराण का पारायण होता है जिसके कथा प्रवचन में बाबा प्रियदर्शी राम जी ने प्रवचन देकर संदेश दिया कि मानव जीवन की प्राथमिकता धर्म और संस्कार से शुरुआत है।विगत दो वर्षों से इस महापुराण का पारायण कार्यक्रम को बनौरा ग्राम की बहने जो की महिला समिति बनाकर आयोजित करती है जिनमें हेमवती साहू, रीता साहू,भारती साहू, साध्वी श्रीवास, जसवंती साहू, देवमणि राठिया,विलासिनी साहू, रजनी साहू आदि बहनों ने इस कार्यक्रम को आहूत किया और इसमें आसपास के अनेक गांवों के हजारों भक्तजनों और बहने प्रवचन सुनने आई, इसमें पंडित राहुल मिश्रा और उमेश पांडा भी शामिल रहे, जिसमें गांव की ओर से तेजराम साहू, सन्यासी साहू, रमेश साहू,धनुर्जय गुप्ता गोपाल साहू, उमेश पंडा,धर्मेंद्र मिश्रा, प्रमोद साहू, भूपेंद्र साहू, राजीव लोचन आदि भी उपस्थित होकर बहनों का साथ देकर इस कार्यक्रम को भव्य बनाया।
इस कथा प्रवचन के अंतिम दिन में हवन की पूर्णाहुति कार्यक्रम में हजारों ग्रामीण जन में महिला और पुरुष शामिल थे इनमें अनिल चीकू, जिला पंचायत सदस्य संगीता गुप्ता, विनय शुक्ला, अभिषेक, सुरेंद्र पटेल, हितेश सतपथी, जयप्रकाश साहू, पवन सिदार, सत्यम पांडा, धनुर्जय विश्वकर्मा,आदि उपस्थित होकर इस भव्य कार्यक्रम में शामिल हुए और व्यास गद्दी की पूजा भी की और भंडारे में भी शामिल हुए।
श्रीमद भागवत महापुराण उडिय़ा का आयोजन हुआ बनौरा में
