रायगढ़। औद्योगिक नगरी रायगढ़ के तमनार क्षेत्र में स्थित हिंडालको कंपनी के विरोध में धरने पर बैठे ग्रामीणों का आज सातवां दिन है। लेकिन धरना प्रदर्शन कर रहे लोगों की समस्याओं का उचित निराकरण आज तक नहीं हो पाया है।
कंपनी की मनमानी से परेशान होकर धरने पर बैठे लोगों में विशेष पिछड़ी जनजाति समूह बिरहोर परिवार के सदस्य भी शामिल हैं। एक ओर,इन दिनों शासन प्रशासन द्वारा बिरहोर समाज के सदस्यों को आगे बढ़ाने के लिए कई नए-नए सार्थक कदम उठाए जा रहे हैं, सडक़, पानी, बिजली, शिक्षा व अन्य सेवाएं मुहैया कराई जा रही है,शासन की विभिन्न महत्वाकांक्षी योजनाओं का लाभ दिलाकर समाज के साथ खड़ा करने की तमाम कोशिशें हो रही है,वहीं दूसरी ओर एक निजी कंपनी की मनमानी की वजह से इन्हें प्रताडऩा झेलने पड़ रहा है। कोल माइंस के विस्तार से गलत पुनर्वास नीति के शिकार होकर बेघर हुए बिरहोर परिवार के लोगों को मजबूरन अब कड़ाके की ठंड में अलाव का सहारा लेकर धरना प्रदर्शन करना पड़ रहा है। लेकिन उनके सुनने वाला कोई अभी तक सामने नही आया है।
शिकायत पत्र से मिली जानकारी के अनुसार, ग्राम पंचायत कोंडकेल के बनखेता में 13 बिरहोर परिवार रहता था,जिन्हें राष्ट्रपति द्वारा संरक्षित जनजातीय समूह घोषित करते हुए दत्तक पुत्र कहा गया है। जिन्हें आवास और कृषि कार्य से आत्मनिर्भरता के साथ सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक विकास हेतु जमीन दी गई थी और घरेलू सामग्री देकर विशेष रूप से आबादी के नजदीक बसाया गया था। लेकिन वर्ष 2006 में निकों जायसवाल कोल माइंस द्वारा उनकी जमीन ले ली गई। शिकायतकर्ता द्वारा बताया गया है कि विशेष पिछड़ी जनजाति में आने वाले बिरहोर परिवार को शासन की ओर से कृषि कार्य हेतु जमीन दी गई थी, जो काबिल कास्ट अहस्तांतरणी और अपरिवर्तनीय भूमि है। जिसे शासकीय बताते हुए माइनिंग प्रोजेक्ट में शामिल कर लिया गया।
विधायक विद्यावती पहुंची धरना स्थल, दिया समर्थन
क्षेत्र के लोगों द्वारा हिंडालको कंपनी के विरोध में हड़ताल करने की सूचना मिलने पर कल क्षेत्रीय विधायक विद्यावती सिदार व अन्य कांग्रेसी नेता धरना स्थल पहुंचे। जहां घरघोड़ा एसडीएम से फोन पर बात की, तब एसडीएम ने कहा कि अगले कुछ दिनों में इनका निराकरण कर दिया जाएगा। और अगर धरना स्थल से यह नहीं उठते हैं, तो बलपूर्वक इन्हें उठा दिया जाएगा। धरना स्थल पर विधायक ने कहा कि मैं आंदोलनकारीयों के साथ हूँ। आगामी विधानसभा सत्र तक अगर उनकी समस्या का निराकरण नहीं होता है, तो मैं विधानसभा सत्र में भी यह मुद्दा उठाउंगी।